सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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हे महादेव, हे महाकाल, हे शिव-शंकर,
नमामि-नमामि सोमनाथ, प्रभु चंद्रेश्वर
जल-थल-नभ स्वामी, चंद्र अधिष्ठाता,
भोले से भक्त जो वर मांगे, वही पाता।
हमने भी पावन, सावन में आस लगाई,
चंद्रयान-३ हो जाए सफल अर्जी सुनाई
त्रिलोकी ने भारतीयों की लज्जा बचाई,
माँ भारती की, जगत में प्रतिष्ठा बढ़ाई।
जिस स्थान पर चंद्रयान जाकर ठहरा,
अब वह कहलाए शिव-शक्ति का डेरा
आगे भी नीलकंठ ऐसे ही प्रार्थना सुनना,
विश्वगुरू का भारत के शीश बंधे सेहरा।
नया भारत बढ़ता जाए, मेरा इतना कहना,
हमसे सदैव अद्भुत कार्य करवाते रहना
चंद्र जीता, अब आदित्य विजय करवाना,
शंभवे, भारतीयों को सदा अग्रणी रखना।।
भारतवंशी वैज्ञानिकों को देते शुभकामना,
अहर्निश चले विकास रथ पंचानन मानना।
देश के हर घर में यूँ ही दीपोत्सव बनता रहे,
श्री महाकाल को ‘सपना’ पुनः धन्यवाद कहे॥