कुल पृष्ठ दर्शन : 317

You are currently viewing उम्र का दौर

उम्र का दौर

उषा शर्मा ‘मन’
जयपुर (राजस्थान)
****************************************************

गुजरते देखा आज उम्र को,
जब पड़ी स्वयं पर नजर।

उम्र खुद को खुद से जुदा कर,
चेहरा-चेहरे से बिछुड़ गया किस कदर।

बढ़ती उम्र जीवन के साथ ही,
बीत चला जीवन का सफर।

उम्र का हर इक दौर,
धरता चला अपने समय पर।

उम्र का नजरिया भी देखो,
स्वयं से रुबरु होने में बीत जाती उम्र॥

परिचय-उषा शर्मा का साहित्यिक उपनाम ‘मन’ है। जन्म तारीख २२ जुलाई १९९७ एवं स्थान-मानपूर नांगल्या(जयपुर) है। राजस्थान निवासी उषा शर्मा ‘मन’ का वर्तमान निवास बाड़ा पदमपुरा( जयपुर)में ही है। इनको राष्ट्रभाषा हिंदी सहित स्थानीय भाषा का भी ज्ञान है। ‘मन’ की पूर्ण शिक्षा-बी.एड.एवं एम. ए.(हिंदी साहित्य)है। कार्यक्षेत्र में फिलहाल अध्ययन जारी है। आपकी लेखन विधा-लेख कविता,संस्मरण व कहानी है। पसंदीदा हिंदी लेखक जयशंकर प्रसाद को मानने वाली उषा शर्मा ‘मन के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-
“हिंदी भारत देश के लिए
गौरवमयी भाषा है,
देश की माला का स्वरूप,
भारत माँ का मान है हिंदी।
साहित्य की मन आत्मा का,
जन्मों-जन्मों का साथ है हिंदी।
कवि लेखकों की शान ही हिंदी,
हिंदुस्तान के नाम में है हिंदी॥”

Leave a Reply