धन की देवी का आगाज,
यह है समृद्ध नारी समाज।
दया व विनम्रता है एक छिपा हुआ राज,
नारी शक्ति की है एक उन्नत आवाज।
दया, प्रेम और विनम्रता की है सरताज,
उज्जवल भविष्य का है एक उत्तम राज़।
कला, लज्जा, शालीनता, प्यार, वात्सल्य,
स्नेह और ममता में दिखता है खूब शोर।
नहीं दिखता कहीं कोई इसके आगे-पीछे,
जीवन मंत्र में खुशहाली में खूब पुरजोर।
घर को घर बनाती है खूब सरताज,
समाज की बनकर, देती है आवाज़।
दया और विनम्रता में रहतीं सबसे आगे,
सहानुभूति साम्राज्य कीमत नहीं मांगे।
आदर, प्यार और सम्मान की अद्भुत मूरत,
सद्भावना दर्पण में दिखती सबसे खूबसूरत।
नारी शक्ति है एक विस्तृत विशाल,
सबमें अनूठी उन्नत और बेमिसाल।
तपस्विनी स्वरूप में अद्भुत संयोग,
सब नारी बिन करते रहते वियोग।
नारी का है यह सर्वोत्तम उत्तम व्यवहार,
सबसे सुंदर, सबको है सब स्वीकार।
नारी शक्ति को हमेशा हम सब दें सम्मान,
जन-जन तक मिलेगी एक सुखद पहचान॥