सरिता बहे हित में
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सरिता बहे जगत के हित में, सबको नीर दे।खेत सींचती,मंगल करती,सबकी पीर ले॥सरिता अपना धर्म निभाती, बहती ही रहे।कोई कितना कर दे मैला, सहती ही रहे॥…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सरिता बहे जगत के हित में, सबको नीर दे।खेत सींचती,मंगल करती,सबकी पीर ले॥सरिता अपना धर्म निभाती, बहती ही रहे।कोई कितना कर दे मैला, सहती ही रहे॥…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पावन सावन-मन का आँगन... मुस्कान खिली ऋतु पावस मुख, आनंद मुदित मधु श्रावण है,फुलझड़ियाँ बरखा हर्षित मन, नीड़ भरा माँ का आँगन हैमहके खुशबू…
डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** पावन सावन-मन का आँगन... पावन पवित्र सावन,पवित्र भावनाओं को सहेजने वालीअनुपमा का अपूर्व सौन्दर्य है,उन्नत ईश्वरीय खोज कासुन्दर आभार लगता है यहाँ,मानों हम घोषित कर दिए गए दिग्विजय हैं,हमें…
डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** रीना बचपन से ही बहुत शांत स्वभाव की थी। उसका यह स्वभाव माँ के लिए बड़ी परेशानी की वजह थी, चूंकि पढ़ने-लिखने में बहुत अव्वल होने के…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** पावन सावन- मन का आँगन... पावन सावन बना मन का आँगन,सावन की बौछार पर नाचती बेटियाँ। ईश्वर का वरदान होती है बेटियाँ,सुरों पर अधिकार रखती है बेटियाँ।…
ललित गर्गदिल्ली************************************** वर्ष २०२४ के आम चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का मुद्दा एक बार फिर गरमा रहा है। लोकतंत्र की एक…
इन्दौर (मप्र)। आशा पूर्णा जी ने अपने जीवन के ८६ वर्ष लेखन में व्यतीत किए। उन्होंने जो देखा वह लिखा, जिसमें तात्कालीन, पारिवारिक, सामाजिक विषयों की जीती-जागती तस्वीर मिलती है।…
मुम्बई (महाराष्ट्र)। सामाजिक साहित्यिक जागरुकता मंच (मुंबई) का ३०वां स्थापना वर्ष २१ जुलाई को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रीय महाकाव्य गोष्ठी आयोजित की गईं है,…
सिरसा (हरियाणा)। मातेश्वरी विद्यादेवी बाल-साहित्य शोध एवं विकास संस्थान (सिरसा) की ओर से अभा बाल साहित्य सम्मानों हेतु प्रविष्टियों के आधार पर अनेक बाल साहित्यकारों का विभिन्न सम्मानों के लिए…
बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** दिल को लगी ठेस,और मरहम भी जलता हैपर छोड़ न,सब चलता है। तो क्या हुआ,जो ठुकरा रही है दुनियाठोकरों से ही तो,इंसान सम्हलता हैपर छोड़ न,सब…