जब हम रखेंगे ध्यान…

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** स्वच्छ ज़मीन स्वच्छ आसमान... जब हम रखेंगे,पर्यावरण का ध्यानतभी होगी,स्वच्छ ज़मीन औरस्वच्छ आसमान। हमारे चारों तरफ का,आवरणयही कहलाता है,पर्यावरण। न काटे पेड़ों को,न छेड़ो पौधों…

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सर्वश्रेष्ठ गीतकार थे शैलेन्द्र

विचार गोष्ठी... कोलकाता (पश्चिम बंगाल)। शैलेन्द्र के गीतों में भारतीय संस्कृति और जीवन-दर्शन के स्वर भरे हैं। शैलेन्द्र हिन्दी सिनेमा-गीतों के सर्वश्रेष्ठ गीतकार थे। प्रगतिशील कवि होते हुए भी शैलेन्द्र…

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चुनावी रथ में सवार दलों की सत्ताकांक्षा

ललित गर्गदिल्ली************************************** आजादी के अमृतकाल के पहले लोकसभा चुनाव की आहट अब साफ-साफ सुनाई देे रही है। भारत के सभी राजनीतिक दल अब पूरी तरह चुनावी मुद्रा में आ गए…

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गम जला देंगे हम

स्वराक्षी ‘स्वरा’खगड़िया (बिहार)************************* इस बुरे दौर को हॅंस कर ही बिता देंगे हम,मुश्किलों का वजन कितना हो, गिरा देंगे हम। दूर रखना नहीं हमसे कभी हमारा गम,अपने अश्कों के अलावों…

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शब्दों के प्रयोग से पूर्व उसके अर्थ को जानें नवोदित लेखक

जयंती-कथा कार्यशाला... पटना (बिहार)। नवोदित लेखकों को भाषा के प्रति सचेत रहना चाहिए। शब्दों के प्रयोग के पूर्व उन्हें चाहिए कि वे उनका अर्थ और लिंग को अवश्य जान लें।…

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लगातार अपने को माँजते हुए लेखन जारी रखें

पटना (बिहार)। साहित्यिक कार्यशाला के माध्यम से हम रचना का सिर्फ एक ढाँचा खड़ा कर सकते हैं, लेकिन रचनाकार अपनी रचनाशीलता से उसमें आत्मा डाल पाते हैं। हम लगातार अपने…

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पापा याद बहुत आप आते हैं

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** पिता दिवस विशेष.... माँ को गले लगाते हो, कुछ पल मेरे भी पास रहो,"पापा याद बहुत आप आते हैं" कुछ ऐसा भी मुझे कहोमैंने भी मन…

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सोलह आने सच

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** बिल्कुल सोलह आने सच,दुनिया दौलत की दिवानीसोंची-परखी बात है ये,ना सिर्फ ये मेरी जुबानी। देख रहा है सारा जग,पैसे की ही अहमियत हैरिश्ते-नाते सब गर्त में गए,यहाँ…

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भविष्य बचाएँ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ी समस्याझुलसे बचपनचलो बचाएँ। भट्टी भ्रम कीहै गम्भीर चुनौतीइसे बुझाएं। चिंता की बातबीते आधा जीवनन मिला लक्ष्य। पालन नहींकानून का मजाकअंकुश लगे। समझें हमबचपन का मोलशिक्षा दिलाएँ।…

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दूर के ढोल सुहावने

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** एक बार हम यूरोप घूमने गए थे। पेरिस से हमने सबको उपहार में देने के लिए छाते खरीदे। उन छातों पर यूरोप के पर्यटन स्थलों के चित्र…

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