अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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बड़ी समस्या
झुलसे बचपन
चलो बचाएँ।
भट्टी भ्रम की
है गम्भीर चुनौती
इसे बुझाएं।
चिंता की बात
बीते आधा जीवन
न मिला लक्ष्य।
पालन नहीं
कानून का मजाक
अंकुश लगे।
समझें हम
बचपन का मोल
शिक्षा दिलाएँ।
आनंद मिले
बाल मजदूरी क्यों ?
शाला दिखाएँ।
बाल श्रम क्यों ?
भविष्य खतरे में
चलो बचाएँ।
थामें ये हाथ
सब करें प्रयास
आस बढ़ाएँ।
विकट घड़ी
साथ देना चाहिए
हाथ मिलाएँ।
कईं सपने
हो सुनहरा कल
साथ निभाएँ॥