यही है तुमसे सुनना

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** है प्यार, तुम भी कह दो ना,यही है तुमसे सुनना। प्यार निभाना साथ निभाना,प्यार की राहों पर है चलनाहै प्यार, तुम भी कह दो ना,यही है तुमसे सुनना…।…

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अनंत की यात्रा

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** सूर्य के चारों तरफ,परिक्रमा कर रहे हैंसभी नव ग्रहसूरज भी घूम रहा है,अपनी आकाशगंगा के चारों तरफ। ग्रहों और सितारों की ये यात्रा,अनंत काल से चली…

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व्याख्यान एवं रचनापाठ ९ जून को

भोपाल (मप्र)। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश (संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग, भोपाल) द्वारा चन्द्रसेन विराट की स्मृति में ‘व्याख्यान एवं रचनापाठ’ ९ जून २०२३ को सायं ७ बजे मध्यभारत हिन्दी…

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‘माॅं’ रूप में भगवान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जिस मन में,सम्मान हो इंसान कावह मन इक,रूप है भगवान का। भगवान तो निरंकार हैं,किसने देखा उनकोबस वे ही हर पल,देखते रहते सबको। सब कहते…

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धरती का श्रृंगार करें हम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ स्वच्छ जमीन स्वच्छ आसमान.... आओ हम सब मिलकर साथी, पर्यावरण बचाएँगे।मुक्त प्रदूषण स्वच्छ धरा को, सुन्दर स्वर्ग बनाएँगे॥ धरती का श्रृंगार करें हम, दुल्हन की…

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पर्यावरण को हम बचाएंगे

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* यह कैसा अत्याचार है,क्यों चारों तरफ हाहाकार हैक्यों गरमी से हम झुलस रहे,बाढ़ उपजाऊ जमीन निगल रहे। किसने किया यह काम,क्यों नहीं दे रहे उनका नामइस…

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जब स्वच्छ हो आसमान

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** स्वच्छ जमीन स्वच्छ आसमान... चंदा देखो नैना खोले,पवन भी डोले हौले-हौलेहीरों की घाटी में,तारे करे विश्रामजब स्वच्छ हो आसमान। नीम आम पीपल की छाया,कड़ी धूप में…

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देश की भाषाएँ ही देश की आत्मा

वैश्विक ई-संंगोष्ठी-भाग २... ◾ब्रिगेडियर ए. के. सिंह (मुंबई)-मेरा यह मानना है कि देश की भाषाएँ ही देश की आत्मा हैं। देश केवल भौगोलिक सीमाओं से नहीं बनता, बल्कि अपने ज्ञान-विज्ञान…

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प्रकृति की चेतावनी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** "दादी! आप कहती हो ना अखबार पढ़ा करो। खबरें सुना करो। आजकल मैं भी रोजाना अखबार भी पढ़ता हूँ। खबरें सुनता हूँ। अब मेरी जनरल नाॅलेज भी…

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ईर्ष्या

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** ईर्ष्या वहाँ नहीं होती है जहाँ प्रेम होता है,हृदय जब प्रेम से भरा हुआ होता हैजिस हृदय में प्रेम नहीं होता है,उस हृदय को ईर्ष्या अपना…

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