कुल पृष्ठ दर्शन : 320

You are currently viewing प्रकृति की चेतावनी

प्रकृति की चेतावनी

राधा गोयल
नई दिल्ली
******************************************

“दादी! आप कहती हो ना अखबार पढ़ा करो। खबरें सुना करो। आजकल मैं भी रोजाना अखबार भी पढ़ता हूँ। खबरें सुनता हूँ। अब मेरी जनरल नाॅलेज भी आपकी तरह हो गई है।” राहुल ने कहा।
“अरे वाह बेटा! यह तो बहुत अच्छी बात है। क्या खबर सुना रहा है?” दादी ने पूछा।
राहुल-“आपने मुझे बताया था ना कि अमेरिका के कैलिफोर्निया में पिछले २ सालों में न जाने कितनी बार अमेजन के जंगलों में आग लग चुकी है जिसमें लाखों हेक्टेयर जंगल खाक हो चुका है। लाखों लोग बेघर हो गए थे। अब आपको मालूम है, क्या हुआ है ?”
“क्या हुआ है? दादी ने पूछा।
“दादी! पता है, क्या हुआ है ? कल के अखबार की खबर बता रहा हूँ। अब वर्ष २०२२ खत्म होते-होते वहाँ कैलिफोर्निया में ही १५ दिन में ६ तूफान आ चुके हैं। २.२ लाख घरों की बिजली गुल हो चुकी है। मूसलधार बारिश से राज्य की लगभग ४ करोड़ आबादी में से ९० प्रतिशत लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। लगभग ५० हजार लोगों को अपने इलाकों को छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। वैसे यह भी लिखा है कि इस बाढ़ से कृषि क्षेत्र को राहत मिलेगी। यह बात मुझे समझ नहीं आई। भला इससे कृषि क्षेत्र को राहत कैसे मिलेगी ?”
“ठीक कह रहा है राहुल। दादी ने उसकी बात का समर्थन करते हुए आगे कहा-“कृषि क्षेत्र को राहत इसलिए मिलेगी, क्योंकि कैलिफोर्निया लंबे समय से सूखे और जंगल की आग से जूझ रहा है।”

“नहीं, आप रुको।” मुझे बात पूरी करने दो दादी”, राहुल दादी के होठों पर हाथ रख कर उन्हें चुप कराते हुए बोला।
“हाँ तो मैं बता रहा था कि, ताजा तूफान और बाढ़ के कारण २ लाख से अधिक घरों और दुकानों में बिजली गुल है। लास एंजिल्स शहर में एक सड़क टूटने के बाद विशाल गड्ढा बन गया, जिसमें २ कारें समा गईं। और पता है क्या हुआ ?”
“क्या हुआ ?” दादी ने पूछा।
राहुल-“मौसम विभाग ने १० दिन में ४ और तूफान आने की आशंका जताई है।बताओ दादी! १५ दिन में ६ तूफानों ने इतना विनाश कर दिया। १० दिन में ४ और आ गए तो क्या होगा ?”

दादी-“राहुल बेटा! यह प्रकृति हमें बार-बार चेतावनी दे रही है कि, पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हुए तो एक दिन इस पूरी धरती को विनाश से कोई नहीं बचा पाएगा, लेकिन हम प्रकृति की इस चेतावनी को बार-बार नजरअंदाज कर रहे हैं। खासकर विकसित देश तो ज्यादा ही पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। हालांकि, दोष वे अन्य विकासशील देशों को देते हैं।” दादी ने कहा।

Leave a Reply