हिंदी दिवस:अंग्रेजी मिटाओ नहीं,सिर्फ हटाओ

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************** भारत सरकार को हिंदी दिवस मनाते-मनाते ७० साल हो गए लेकिन कोई हमें बताए कि सरकारी काम-काज या जन-जीवन में हिंदी क्या एक कदम भी आगे बढ़ी ? इसका मूल कारण यह है कि हमारे नेता नौकरशाहों के नौकर हैं। वे दावा करते हैं कि वे जनता के नौकर हैं। चुनावों के … Read more

गुमनामी से भारत को उबारा

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************************** हर दिल में विकास की ललक जगाई किसने ?नीतियों को परिष्कृत करके संवारा किसने ?विश्व के मंच पर गुमसुम खड़े एक कोने में,गुमनामी से भारत को उबारा किसने ?काले धन वालों पर प्रभावी लगाम कसी किसने ?जी.एस.टी. सा कर सुधार लाया कौन ?विश्वभर में फैले समर्थ भारतीयों में,आत्मविश्वास,गौरवभाव जगा आया कौन … Read more

पेड़-पौधे हैं जीवन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ******************************************************* हर घर हो,पेड़-पौधों से भरा,फूल और खुशबू से,हो महका।टहनियों में,फुदकते हो पंछी,सुमधुर संगीत से हो,घर चहकाll पेड़-पौधे देते,मन की शांति,मानव लेता प्राणवायु,नित पल।सुख,शांति,सम्पन्नता आती,घर को श्रृंगारित,करते हर पलll जग में जाहिर,पेड़-पौधे,लगाओ भरपूर पुण्य पाओ।ये रखते मानवता,को जीवंत,हर पल इनकी,सुरक्षा करोll पूरी कायनात,देती साथ पेड़,पौधों को,विकसित करने में।पानी,खाद और देखभाल … Read more

हिन्दी जन-जन की भाषा,पर राष्ट्रभाषा कब ?

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)********************************************************* हिंदी दिवस विशेष….. हम भारतवासी ‘हिंदी दिवस’ एक औपचारिकता के रूप में कब तक मनाते रहेंगे ? कब हिंदी इस आडम्बर से मुक्त होगी। कब राजभाषा से राष्ट्रभाषा बनेगी,जन-जन की भाषा घर-घर तक कब घर करेगी। हिंदी के प्रति आम लोगों में जनचेतना जागृत करने के लिए सरल सुबोध हिंदी में विशाल … Read more

‘आदित्य संस्कृति’ पत्रिका का विशेषांक विमोचित

दतिया(मप्र)l दतिया से प्रकाशित होने वाली हिंदी मासिक पत्रिका ‘आदित्य संस्कृति’ का वर्तमान अंक साहित्यकार और अभियंता डॉ. अवधेश कुमार ‘अवध’ के साहित्यिक अवदान एवं सामाजिक सहभागिता पर आधारित है। इसका विमोचन आनलाइन किया गया। भानु प्रकाश शर्मा के सम्पादन तथा पूर्वोत्तर की साहित्यकार डॉ. वाणी बरठाकुर के अतिथि सम्पादन में निकाले गए इस अंक … Read more

आया है कोरोना

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************************************* छन्न पकैया छन्न पकैया,आया है कोरोना।बच्चे-बूढ़े घर में बैठे,शुरू हुआ है रोना॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,अपना मुँहूँ छुपाये।बन्द हो गया आना जाना,दूरी सभी बनाये॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,गर्म पियो सब पानी।करो नीम तुलसी का सेवन,इससे है जिनगानी॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,मुँह में मास्क लगाना।कोरोना का काल चल रहा,सबको स्वच्छ … Read more

पत्थर न होता आदमी

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हार कर गर्दिश से चश्मे-तर न होता आदमी,तब समंदर में खरा जौहर न होता आदमी। इल्म होता ग़र उसे इखलास और ईमान का,मज़हबों के नाम पर कट्टर न होता आदमी। आइना रखता अगर अपनी नज़र के रूबरू,फिर किसी के सामने पत्थर न होता आदमी। ख़्वाहिशें सस्ती जो होती हर तरफ बाजार में,फिर … Read more

हिंदी मेरी शान

प्रभावती श.शाखापुरेदांडेली(कर्नाटक)************************************************ हिंदी दिवस विशेष….. कहानी इसकी पुरानी,हिंदी मेरे देश की रानी।संस्कृत की लाड़ली बेटी हिंदी,सभी बहनों को साथ लेती हिंदी॥ लिपि इसकी है अति सुंदर,साहित्य का असीम सागर।कोयल की वाणी है हिंदी,भाषाओं की शिरोमणि हिंदी॥ अलंकार,रस,छंद से परिपूर्ण है,कबीर,तुलसी साहित्य से अनुपम है।स्वर,व्यंजनों से परिनिष्ठित माला,उच्च कोटि का अर्थ देती निराला॥ रोम-रोम में है … Read more

हिंदी-हिंदी गूंजे अब

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारतीगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ********************************************************* हिंदी दिवस विशेष….. हिंदी है भारत की राष्ट्रभाषा,गर्व करो हिंदी,जनमन की है भाषा।हिंदी बन रही,अब विश्व भाषा,लिपि है देवनागरी,है वैज्ञानिक भाषा।आओ हम नमन करें,राष्ट्रभाषा का सम्मान करें।हिंदी सुनें,बोलें हिंदी,हिंदी में हम लिखें।हर मन के कोने से,हिंदी-हिंदी गूंजे अब,हर-मन के कोने से,हिंदी-हिंदी गूंजे अब…॥ परिचय-डॉ.जयभारती चन्द्राकर का साहित्यिक उपनाम `भारती` है। जन्म … Read more

साहित्यिक पूर्वजों का शब्दांजलि से किया तर्पण

इंदौर(म.प्र.)। वर्षा ऋतु की मंद फुहार,भावों की अंजुरी के बीच अपने साहित्यिक पूर्वजों का नमन करते हुए श्रेष्ठ साहित्य साधकों को उत्तम शब्दों से शब्दांजलि,अर्थात् तर्पण किया गया। दिग्गज साहित्य मनीषियों को विशेष ऑनलाईन आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के अनेक नगरों से शब्दांजलि दी गई।संस्था नई क़लम के इस साहित्यिक अनुष्ठान के अंतर्गत … Read more