जयति-जयति जय-जय हिंदी

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)****************************************************** हिंदी दिवस विशेष........ भारत की है गरिमा,संस्कृत की है बेटी,सरल-सुबोध रस की गंगा इसमें है बहती।है हमारी राष्ट्रभाषा,यह है हमारी हिंदी,भारत माँ के माथे ज्यों सुशोभित हो बिंदी॥…

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लफ्ज़ का पत्थर जब…

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* लफ़्ज़ का पत्थर जो मारा था तुमने,वो दिन याद है जब रुलाया था तुमने। कैसे भूल जाऊं वो शीशे की किरचें,जो जान बूझ कर…

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आचार्य विनोबा भावे: सर्वोदय की उड़ान,शांति का आह्वान

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************* जन्म जयन्ती (११ सितम्बर)विशेष.... दिव्य कर्तव्य,मानवतावादी सोच,सबके उदय की कामना,चिन्मयी पुरुषार्थ और तेजोमय शौर्य से मानव-मानव की चेतना को झंकृत करने एवं धरती को जय जगत का…

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बरगद की छाँव….!

तारकेश कुमार ओझाखड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** बुलाती है गलियों की यादें मगर,अब अपनेपन से कोई नहीं बुलाताइमारतें तो बुलंद हैं अब भी लेकिन,छत पर सोने को कोई बिस्तर नहीं लगाता।बे-रौनक…

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अर्थ-संकट के बादल

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************** भारत की अर्थ-व्यवस्था अब अनर्थ-व्यवस्था बनती जा रही है। इससे बड़ा अनर्थ क्या होगा कि,सारी दुनिया में सबसे ज्यादा गिरावट भारत की अर्थ-व्यवस्था में हुई है। कोरोना…

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१३ को सृजन ऑस्ट्रेलिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी

ऑस्ट्रेलियाl सृजन ऑस्ट्रेलिया (अंतरराष्ट्रीय)ई-पत्रिका एवं कला,विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय,मनमाड़ (नाशिक, महाराष्ट्र) द्वारा अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी आयोजित की जा रही हैl इसके लिए विषय हिंदी भाषा और साहित्य की वैश्विक भूमिका तय…

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मोहब्बत में…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** मोहब्बत में अक्सर लोग,सब-कुछ भूल जाते हैंदिल-दिमाग में उसके,मोहब्बत छाई रहती है।न कुछ कहता-न सुनता,बस अपने में मस्त रहताऔर प्यार के सागर में,वो डूब जाता है।मोहब्बत में…

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पंछी

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** देखकर हालात कहता,है मेरे मन का अनुभव…नीड़ का निर्माण होना,है अब तो असंभव।देखते हो क्या नहीं तुम,घिर उठी बदली गगन में…आँकते हो क्या नहीं तुम,क्षणिक देरी…

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ताज वतन का रत्नजड़ा

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ********************************************************* जो चालीस वर्ष तक शिक्षक रहे,ज्ञान का दान किया।जग ने जिनको अजात शत्रु,कहकर के सम्मान दियाll देशभक्त थे पर सर कहकर,जिन्हें नवाजा जाता था।टेम्पलटन…

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भूल

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)********************************************** मंदिर की सीढ़ी चढ़ते समय नीलिमा की आँख भरी हुई थी…,और वो बुदबुदाते हुए जा रही थी,-"मेरी सारी गलती माफ कर दीजिए भगवन,बस एक बार और मेरी गोद…

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