तुलसीदास ने जनभाषा में लोक चेतना जगाने का काम किया-प्रेम शंकर त्रिपाठी

वर्धा(महाराष्ट्र)l गोस्‍वामी तुलसीदास जी ने जनभाषा में लोकचेतना जगाने का काम किया है। उनकी हरि भक्ति मनुष्‍यता के निर्माण की सीढ़ी है। वैज्ञानिक विकास के इस युग में तुलसीदास का साहित्‍य सभी के लिए मार्गदर्शक बन सकता है। महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय(वर्धा,महाराष्ट्र)में २७ जुलाई को गोस्‍वामी तुलसीदास जयंती पर ‘तुलसी:तत्‍व चिंतन और श्रवण’ विषय … Read more

कश्मीर:हालात पैदा करें कि आतंकवाद खत्म हो और पंडितों की वापसी हो

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. फारुक अब्दुल्ला ने गजब की बात कह दी है। उन्होंने कश्मीर के पंडितोें की वापसी का स्वागत किया है। कश्मीर से ३० साल पहले लगभग६-७ लाख पंडित लोग भागकर देश के कई प्रांतों में रहने लगे थे। अब तो कश्मीर के बाहर इनकी दूसरी और तीसरी पीढ़ी … Read more

मायने रखते हैं बिहारी भी,अपमान अनुचित

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* गलवान की घाटी में माँ भारती की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के २० योद्धा लड़ते-लड़ते शहीद हो गये। भारतीय संविधान को लिखने की अंग्रेजों की चुनौती को स्वतंत्र भारत के प्रथम महामहिम स्व. डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने विजयी अंदाज में स्वीकार किया,जो ठेठ बिहारी थे। ऐसा बिहार जो कभी भी भारत … Read more

सत्यनारायण सत्तन ने किया गोष्ठी में तुलसीदास जी को नमन

इंदौर(मप्र)l परिवार के पूर्वजों को नमन् करने के लिए तर्पण किया जाता हैl साहित्यिक कुल में भी यही सिद्धांत अक्षरश: सत्य हैl इसी पावन विचार के साथ संस्था नई क़लम ने काव्य शिरोमणि बाबा तुलसीदास एवं उपन्यास सम्राट प्रेमचंद जी के श्री चरणों में शब्दांजलि-तर्पण के रूप में ऑनलाईन काव्य गोष्ठी का आयोजन कियाl इसमें … Read more

सतर्कता धरें

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. राखी के त्योहार की,खुशियाँ है चहुँओर।प्रेम और विश्वास की,हाथ बँधेगी डोर॥ इस राखी में ध्यान धर,कर लें सारे काम।‘कोरोना’ नित फैलता,कष्ट भरा अंजाम॥ सतर्कता के साथ सब,जाएँ सभी दुकान।रख लें सेनेटाइजर,होवे नहिं नुकसान॥ अपने घर पर ही बने,मीठा सब पकवान।रिश्ते घर से ही निभे,रखें रोग का भान॥ भाई … Read more

मातृभाषा के बिना शिक्षा नीति अपंग

निर्मलकुमार पाटोदीइन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************************** शिक्षा नीति-२०२० नई शिक्षा नीति पर प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद केबिनेट की बैठक में अंतत: मंज़ूरी मिल जाने से एक बड़ी यह चिंता दूर हो गई है कि सरकार का कार्यकाल बीत जाता और और सारी मेहनत व्यर्थ रह जाती।कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली शिक्षा नीति समिति के मूल प्रस्तावों को सरकार ने … Read more

हँसत नट

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* (रचनाशिल्प:३२ वर्ण(८८८८) प्रति चरण १६,१६,वर्ण पर यति,४ चरण समतुकांत,समस्त वर्ण मात्रा विहीन हो) चल पथ पनघटखटकत जल घट,धर पद नटखटभग पटकत घट। भय भगदड़ तबघर पथ लग जब,कहत रहत अबअभय हँसत नट। वन पथ तक करछछ घट क्षत कर,झट पट चट करतब भग सरपट। सर तट तरु चढलखत लपक बढ़,वसन रखत दृढ़इत उत … Read more

कच्चे धागों में बँधता है प्यार यहाँ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. रक्षाबंधन पर्व मनाएँ,खुशियों का त्यौहार यहाँ।कच्चे धागों में बँधता है,भ्रात-बहन का प्यार यहाँ॥ बचपन की यादों में खोई,घर-आँगन फुलवारी में।खेल-खिलौनों में दिन गुजरा,गुड़ियों की तैयारी में॥अब तो पिया की हुई सहेली,उनसे ही श्रृंगार यहाँ।कच्चे धागों में बँधता है… बहन सजाती हर घर थाली,भैया जी के आवन में।रंग-बिरंगे … Read more

भाषा चिन्तन के सुझावों पर अमल नहीं हुआ

प्रो.अमरनाथ,कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)**************************************** हिन्दी के योद्धा:प्रेमचंद……… सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले हिन्दी के लेखकों में हैं। बड़े-बड़े विद्वानों के निजी पुस्तकालयों से लेकर रेलवे स्टेशनों के बुक स्टाल तक प्रेमचंद की किताबें मिल जाती है। प्रेमचंद की इस लोकप्रियता का एक कारण उनकी सहज सरल भाषा भी है,किन्तु मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि … Read more

‘कोरोना’ का इलाज ‘पापड़’ या ‘टीका’ ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** चाहे तो इसे ‘सदी का सबसे बड़ा भ्रम’ कह लें। ‘भ्रम’ ये कि जब देश में ‘कोरोना’ इलाज के इतने देसी नुस्खे तैयार हैं तो फिर मोदी सरकार कोरोना टीका तैयार करवाने में वक्त और पैसा क्यों ‘बर्बाद’ करने में लगी है ? हमारे वैज्ञानिक क्यों अपना पसीना बहा रहे हैं ? … Read more