वसुंधरा

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************************** वसुंधरा को वंदना,आओ कर लें रोज।चाहे हम रहते कहीं,लेगी माता खोजll पंच तत्व में एक है,भूमि तत्व भी जान।मिट्टी से तन है बना,पंचरतन इंसानll भूमि भवन भव भव्य…

Comments Off on वसुंधरा

सारे मिले हुए प्रकृति में

सविता सिंह दास सवितेजपुर(असम) ************************************************************************ बहुत शोर करती है चिड़िया,सुबह-सुबह जब देखे धूपहवा भी मन्द-मन्द चल पड़ती है,मौसम के बिल्कुल अनुरूपlगाय,बकरी,कुत्ते,बिल्ली,सारे उठकर चल पड़ते हैंमुझे लगता है ये सारे चराचर,बिन वेतन…

Comments Off on सारे मिले हुए प्रकृति में

कुछ तो करें तैयारी

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** जिंदगी भी जंग है ये,वक्त भी नहीं है पास,जीतने को जंग आगे,बढ़ने को साथियों।राह वो निकालें हमें,पहुंचाए मंजिलों पे,मुकुट में रत्न कोई जड़ने को…

Comments Off on कुछ तो करें तैयारी

जिन्दगी और साहित्य

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* आदमी जैसे ही जन्म लेता है और बढ़ता जाता है,साहित्य की भी वृद्धि उसी अनुरूप होती जाती है। जन्म के बाद ही छठी-गीत गाया…

Comments Off on जिन्दगी और साहित्य

उजास मन

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मानव हृदय उजास रख,कर लें सुंदर काम।नेक कर्म औ भाव से,मिलता जग में नामll बुरे कृत्य को छोड़ कर,लाएँ सुंदर भाव।मानवता की राह पर,कभी न हो…

Comments Off on उजास मन

खामोशियों की भी एक कहानी…

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** मेरी खामोशियों की भी एक कहानी है,जो किताबों में भी ना सिमट पाईऐसा तरल वह,नदियों का पानी है।समेटूँ बैठ कर फुर्सत में उन पलों को तो,आँखों से…

Comments Off on खामोशियों की भी एक कहानी…

होते पिता महान

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************** दूर करें हर कष्ट से,होते पिता महान।जीवन जीने की कला,का देते हैं ज्ञानll सुख-दुख को साझा करें,बेटी से हर बार।बिना बेटियों के नहीं,इस जीवन का सारll बेटी…

Comments Off on होते पिता महान

सिपाही

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** "अनिल भाई,आजकल दिखते नहीं हो। कहां,बिजी रहते हो ?""राकेश जी,नौकरी की ड्यूटी में लगा रहता हूँ।""अरे,तो इसका मतलब,क्या हम नौकरी नहीं कर रहे ?""ऐसी बात…

Comments Off on सिपाही

तस्कीन

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** ना-इत्तेफ़ाक़ी,मेरी,उनसे है जरा,जो कहते,मिलता, जो मुकद्दर में लिखाजो मिल गए हो तुम मुझे,ऐ हमनवा,मुझको तो तक़दीर से ज्यादा मिलाl उसने माँगा आसमां,मैंने जमीं,उसने सितारे…

Comments Off on तस्कीन

अब ‘अंकीय खानाबदोशी’ का दौर…

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** कोरोना काल में हम जिस घर पर काम(वर्क फ्रॉम होम) की कवायद सीख रहे थे,उसी दौरान दुनिया एक पायदान ऊपर चढ़कर खानाबदोश की तरह कहीं से भी…

Comments Off on अब ‘अंकीय खानाबदोशी’ का दौर…