अंजाम क्यों हो ‘श्रद्धा’ सा तुम्हारा!

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** श्रद्धा हत्याकांड... सोया था मैं गहरी नींद में,एक मुझे सपना आयाहाथ पकड़कर, गहन झंझोड़कर,जैसे था मुझे नींद जगाया। एक दिखा अस्पष्ट-सा साया,जो धुंधला-सा लगता…

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परेशानियों में अक्सर…

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** परेशानियों में अक्सर कड़वाहट बढ़ जाती है,जुबां अपनी, अपनों पर ही भारी पड़ जाती है। लफ़्ज़ों का सलीका जो मोहब्बत का था उनसे,उलझनों में तार-तार हदें तमाम…

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चाँदनी की हुई मुलाकात

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* नील गगन में आज सुहानी रात है,झिलमिल तारों की आज बारात हैजा रहा है चन्द्रमा, चाँदनी से मिलने,आपबीती दिलों की कहानी कहने। छुप गई है चाँदनी,…

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इनके होने से जगमग

तृप्ति तोमर `तृष्णा`भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************** नन्हें बच्चे होते फूलों की डली,जिनकी आवाज से गूंजती हर गली। नन्हें-नन्हें पाँव से घूमे सारी फुलवारी,बात-बात पर दिखाते अपनी अदाकारी। बच्चे हैं नए-नए फूलों का…

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दो बातें तुमसे…

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आँखें प्यासी है आज भी प्रिये,तेरे उस सादे सहज दीदार की।जमाना बीत गया है किए हुए,दो बातें तुमसे शालीन प्यार की। किससे कहूं और क्या कहूं,…

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सादगी और मासूमियत

वंदना जैन 'शिव्या'मुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ सुनो मासूमियत,तुम रहना सदा उपस्थित। गुण बन जीवन सृजन में,मानवता बन मन के आँगन में। रंग बन पुष्पों, पत्तों और डालियों में,बच्चों की सहर्ष तालियों में। पक्षियों की…

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क्यों करते हैं लोग ?

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** क्यों करते हैं लोग,हिंदू-मुस्लिम…क्यों दंगा फैलाते हैं,बेवजह शहरों कोअंगारों से जलाते हैं। सूरज का कोई धर्म नहीं,चंदा को भी भ्रम नहींतारे नहीं जात बताते,सबके हित में टिमटिमातेसमन्दर…

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भला वो प्यार कैसा ?

डॉ. संगीता जी. आवचारपरभणी (महाराष्ट्र)***************************************** श्रद्धा हत्याकांड..... जो जानलेवा होता है वो प्यार कैसा ?हवस को भला प्यार का नाम कैसा ?इस्तेमाल कर फेंक दे वो मर्द कैसा ?टुकड़े-टुकड़े कर…

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तुम चले आना प्रवाह बनकर…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** पुष्प सुख आनंद का खिलता हृदय के आँगना हो,बन वही उल्लास ऋतु आना यहीं मृदु माह बनकर…। शीत हो तुम धूप भी तुम उष्ण सावन पतझड़ कभी,तुम…

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कामकाजी महिला

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** एक कामकाजी महिला,उठती है सवेरेमुँह अँधरे,तैयार जो करना हैबच्चों व पति का लंच बॉक्स,देनी है सास-ससुर कोअदरक वाली चाय,फिर बनाना हैसबके लिए,मनचाहा नाश्ता।घड़ी की सुइयों के साथचलते…

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