हम न हारेंगे
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** चाहे बरसात पड़े,या बादल फटेचाहे आँधी आएया तूफान आएहम न हारेंगे। हार को जीत,में बदल देंगेनफरत के बदले,प्रीत देंगेहम न हारेंगे। जीत और हार,खेल के…
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** चाहे बरसात पड़े,या बादल फटेचाहे आँधी आएया तूफान आएहम न हारेंगे। हार को जीत,में बदल देंगेनफरत के बदले,प्रीत देंगेहम न हारेंगे। जीत और हार,खेल के…
डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** डर के हैं भिन्न-भिन्न नाम,कहीं भय, त्रास और खौफकहलाता है,अंदेशा और आशंका केनाम से भी यह जाना जाता है,बुरा घटित होने की सम्भावनाही 'डर' कहलाता है,यह सफ़र में विघ्न…
बबीता प्रजापति झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** रिमझिम अगर सावन न हो,चूड़ी की खन-खन न होसपने मनभावन न हो,नैनों का दर्पण न होसोचो कैसा रहेगा…! अम्बर में बादल न हो,आँखों में काजल न होसजनी…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** मैं कानीन कर्णबस जीता हूँ,जल समान मैंदर्द पीता हूँ,बता नहीं सकतामैं भी पाण्डव हूँ,कुन्ती पुत्र हूँ परसूतपुत्र कहलाता हूँ।मैं कानीन कर्ण,बस जीता हूँ…॥ छाले दिल के,दिखा नहीं पातादर्द…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** जीवन की कविता में,हर उपमा झूठी हैवो चाँद ही है जनाब,जिसने वाह-वाही लूटी है। चाँद को बेनकाब न करो यारों,इसकी उपमा तोहर दुल्हन ने भी पाई है,वो…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* जिंदगी की राह में,कई मोड़ आते हैं…कभी किसी मोड़ पर,किसी अजनबी सेरिश्ते बन जाते हैं,वही अजनबीकरीबी हो जाते हैं,जिंदगी में आकर,जिंदगी बन जाते हैं। कुछ ऐसे…
वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ बूँद-बूँद वास्तविकता परदो टूक कल्पनाएं,कविताओं की झोली को भरते-मूँद-मूँद सपने। साँस-साँस भरती जीवनचर्या परखन-खन लुढ़कते खुशियों के सिक्के,दूर-दूर से निहारतीएक-एक बीनती-जीवन गाड़ी के बिछड़े अपने। आर-पार सी चीरतीतन-मन…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आज अनूठी रीत चली,लोग विकार मोहित हुएभुवन में है डंका उसका,देख सजीला व्यथित हुए। बन-ठन कर रहता ऐसा,मिथ्या सुरूप दृश्य लगेअभिनय वह ऐसे करता,सत्य सदा अस्पृश्य लगे।…
गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)*********************************************** ऐ मेरी सावन सुन्दरी-चुप्पी से हुआ आपका आगमन,झम-झम बजे नूपुर की रुनझुन!ऐ मेरी सावन सुन्दरी-घने काले केश बादल से,छा गई आप आसमाँ में। ऐ मेरी सावन…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हिन्दुस्तान का बेटा, हिन्दुस्तानी अद्भुत माँ के लाल थे।त्याग दिया घर-द्वार क्योंकि, दुश्मनों के वो महाकाल थे। प्यारी वसुन्धरा के लिए, जीवन अपना त्याग दिए थे,दुश्मन…