करना रक्षा, रखना गर्व
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** रक्षाबंधन,अटूट मन रिश्ता-बनाए रखो। भाई-बहन,प्रेम सदा नि:स्वार्थ-मत छोड़िए। डोरी सनेहनहीं केवल धागा-पर्व पावन। रोली-चावल,रिश्ता है लुभावना-डोरी-चंदन। करना रक्षा,रखना सदा स्नेह-नहीं है स्वार्थ। रखना गर्व,निभाना सदा रिश्ता-मनाएं पर्व॥