प्राण न्योछावर कर दे
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** थक चुका हूँं भारी प्रहार न कर। काट दे गर्दन तू इन्तजार न कर। मेरे अपने भी अपने ना हुए यहां, रणभूमि है प्रेम का इजहार न कर। रक्त बहता युद्धों में मालूम सबको, शत्रु छोड़कर व्यर्थ उद्धार न कर। बोलती बंद कर दे तिरंगा ऊंचा कर, … Read more