माल खाये माटी का,गीत गाये बीरा के

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ प्रथम चरण में राष्ट्रीय नेतृत्व ने शानदार कार्य किया। उसका परिणाम द्वितीय पारी भारी बहुमत के साथ शुरू करने का आदेश मिला तो अब आमजन की भावना के अनुरूप देश की समस्याओं को चुस्त-दुरुस्त करने का अभिजीत प्रयास चल रहा है। १९४८ में कबायली और पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत … Read more

धारा 370 का उन्मूलन सेतुबंध सरीखा

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** समुद्र पर सेतु बांध दिया ? भौंचक रावण विश्वास नहीं कर पा रहा था अपने विश्वसनीय गुप्तचरों द्वारा लाई गई सूचना पर। चारों ओर समुद्र से घिरी अभेद्य किले-सी लंका में बैठा दशानन अभी तक यही सोचता था कि वह कैसा भी अपराध कर ले,उसे कोई छूने वाला नहीं। वह बार-बार … Read more

कश्मीर पर विपक्ष की मसखरी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** जम्मू-कश्मीर के सवाल पर कल और आज संसद में विपक्षी नेताओं ने जो तर्क दिए,वे कितने लचर-पचर और बेतुके थे ? इनके हल्केपन का सबसे बड़ा प्रमाण तो यही था कि जब ये तर्क दिए जा रहे थे और तर्क करने वाले घूंसा तान-तानकर और हाथ-हाथ हिलाकर भाषण झाड़ रहे … Read more

भारत का ललाट है कश्मीर

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* भारतवर्ष के ललाट पर निवास करने वाला काश्मीर वैसे ही शोभा को प्राप्त करता है, जैसे भगवती-सरस्वती की दोनों भू-लताओं के मध्य केसर की बिंदिया शोभा देती है। संस्कृत का शब्द है कश्मीर जिसका अर्थ है बिन्दी। सरस्वती का स्तोत्र मन्त्र है- “मुखे ते ताम्बूलं नयनयुगले कज्जलकला ललाटे काश्मीरं विलसति गले … Read more

कितना शरीफ है यह दुष्कर्मी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** सर्वोच्च न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन्नाव में हुए बलात्कार के मामले में जिस फुर्ती से कार्रवाई की है,उसने देश के सीने में लगे घाव पर थोड़ा मरहम जरुर लगाया है। उप्र के विधायक कुलदीप सेंगर पर आरोप है कि २०१७ में कम उम्र की एक लड़की के साथ उसने जो … Read more

हिंदी रचनाकर्म से इस ‘तलाक’ के आखिर क्या मायने ?

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************************************** क्या‍ हिंदी अब सृजन की,मनोभावों को अभिव्यक्त करने की और अपने समय से जूझने की भाषा नहीं रह गई है ? आज इसमें जो लिखा जा रहा है वह सब ‘हिंदू-मुसलमान, जय श्री राम और वंदे मातरम्’ पर जाकर खत्म हो रहा है ? ऐसी स्थिति में कोई संवेदनशील ‍कवि या … Read more

अपनी चुप्पी तोड़ें…

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** १७ साल की एक लड़की एक विधायक के घर नौकरी के लिए बात करने जाती है और फिर कुछ समय बाद वह बताती है कि विधायक के घर पर उसका शील भंग किया गया…। इसके बाद वह गायब हो जाती है…उसके पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो जाती … Read more

पुस्तकों की सुखद अनुभूति का अलग महत्व

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** मेरे द्वारा उपन्यास और सैकड़ों लेख लिखे गए हैं,और लिखे जा रहे हैं,पर अनुभव है कि,पुस्तकों की सुखद अनुभूति का अलग महत्व हैl एक दिन साक्षात्कार में यह प्रश्न पूछा गया कि,वर्तमान में ई-बुक का चलन है,और यह सुविधा बहुत सुविधाजनक है तो आप प्रकाशन पुस्तकाकार में क्यों कराते हैं,जबकि ई-बुक … Read more

काबुल में अराजकता

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** एक तरफ तालिबान को पटाने के लिए अमेरिका इमरान खान को फुसलाने की कोशिश कर रहा है,और दूसरी तरफ तालिबान ने अफगानिस्तान में उप-राष्ट्रपति के उम्मीदवार अमरुल्लाह सालेह पर हमला बोल दिया है। सालेह,राष्ट्रपति हामिद करजई के दौर में अफगानिस्तान के गुप्तचर विभाग के मुखिया थे। कुछ वर्षों पहले वे … Read more

आधुनिक जीवन में प्रेम का महत्व

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* जो अन्तर जड़ और चेतन में है,वही फर्क प्रेम और प्रेमविहीनता में है। प्रेमरहित मानव पाषाण तुल्य है। एक बात और..प्रेम तो पाषाण को भी प्राणवान बना देता है। कई बार पहाड़ों पर बनी पत्थरों की आकृति जो उभरती है तो लगता है कि पत्थर भी मुहब्बत करते हैं। … Read more