पिय की राह देखती

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ (रचना शिल्प:१६/१४) पिय आवन की राह देखती,सुन्दर नारी मतवाली।सपनों में खोई-खोई सी,प्रेम नगर की वो मालीll सज-धज कर बैठी वो द्वारे,गुमसुम-सी वो रहती है।कब आएँगे…

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कितने गड्ढे…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कितने गड्ढे आजकल,सड़कों पर हर ओर।चलना मुश्किल हो गया,सुबह रात या भोर।सुबह रात या भोर,चोट लगने का डर है।घर से मीलों दूर,सुनो अपना दफ्तर है।महँगा…

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शिव प्रिय प्रथम पूज्य हे प्रभु जी

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष….. प्रथम नमन हे गणपति देवा,तुम सबसे प्यारे।सकल सँवारो काज गजानन,हे देव हमारे।शिव प्रिय प्रथम पूज्य हे प्रभुजी,गौरी के जाए।एकदन्त करुणा के सागर,गणपति कहलाए।…

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राधे के मन श्याम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:१६/११)श्याम बसे राधा के मन में,यदु नंदन घन श्याम।हुई बावरी दर्शन खातिर,ढूँढे सुबह व शाम॥ वन-वन फिरती प्रेम दिवानी,कालिंदी के पास।लगन लगे लीलाधारी से,एक…

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यकीन रखो तुम

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** मान लिया जब दूर हुए तब लक्ष्य तुझे लगते सपने से,धीरज किन्तु रखो मन में यह दर्द बढ़ेगा सदा जपने से,कष्ट हजार सहो पर यार…

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मन में राम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** मन में राम बसा लो मानव।जीवन धन्य बना लो मानव॥कट जाएँगे पातक भारी।राम सुमिर लो हे संसारी॥ अवध बिहारी दशरथ नंदन।कर लो भक्तों शत् शत्…

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कच्चे धागों में बँधता है प्यार यहाँ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. रक्षाबंधन पर्व मनाएँ,खुशियों का त्यौहार यहाँ।कच्चे धागों में बँधता है,भ्रात-बहन का प्यार यहाँ॥ बचपन की यादों में खोई,घर-आँगन फुलवारी में।खेल-खिलौनों में दिन…

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प्रेम की पाती

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. भाई को बहना लिखती है,एक प्रेम की पाती।इस कोरोना काल में भैया,याद आपकी आतीll उत्सव और त्यौहार भी अब,लगते सारे फीके।इस कोरोना के…

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राखी बाँधे बहना प्यारी

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. आया रक्षा बंधन भैया,लेकर सबका प्यार।है अटूट नाता ये दे अनुपम उपहार॥ राखी बाँधे बहना प्यारी,रेशम की है डोर।खड़ी आरती थाल लिये…

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मेंहदी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचनाशिल्प:१६-१४ पदांत २२२)लगे मेंहदी है हाथों में,साजन के घर जाने को।खुशियों से आच्छादित आँगन,स्नेह सुधा बरसाने को॥ मन आह्लादित होता जब-जब,पिय की याद सताती है।आँखों…

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