हिम्मत रखेंगे तभी,तो हराएंगे

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** हिम्मत रखी 'अनंत' आज तक हारे नहीं, हिम्मत रखेंगे तभी,तो उसे हराएंगे। 'कोरोना' की महामारी,घुस आई है जो लोगों, घर की न घाट…

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कठिन डगर

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़  ************************************************** कठिन डगर है ये जीवन की,कभी नहीं घबराना जी। संकट में है देश हमारा,सबको जोश दिलाना जी॥ 'कोरोना' बीमारी देखो,कैसे चलकर आया है।…

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जीवन गीत

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचनाशिल्प:१६/१४) सब सम्भव है इस जीवन में, जो चाहो हासिल कर लो। रखो हौंसला मेरे साथी, अपने वश मंजिल कर लो॥ कठिन राह…

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हे नीलकंठ! जग कष्ट हरो

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** (रचनाशिल्प:कुल- ३२ मात्राएं) हे नीलकंठ! करुणामय मेरे, दया सिंधु अब लाज धरो। है आज जगत में त्राहि मची, हे जगदीश्वर! जग कष्ट हरो। तुमने ही…

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कर दो माँ,कल्याण

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** हे माँ,आज शरण में आए, कर दो माँ,कल्याण। आज दु:खी दुनिया है सारी, तेरी शक्ति महान॥ हे माँ,मधुकैटभ विनाशिनी, रक्तबीज कर अंत। महिषमर्दिनि,हे जगदंबा, 'कोविड'…

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प्रीत हमें जता जाना

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचना शिल्प:८ वर्ण १३ मात्रिक,मापनी-२११ २१२ २२) साजन जिंदगी मेरी। है अब बन्दगी तेरी॥ गीत मुझे सुना जाना। आप नहीं भुला जाना॥ बादल…

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जीतेगा मानव

कैलाश झा ‘किंकर’ खगड़िया (बिहार) ************************************************************************************ साहित्यिक गतिविधियाँ,सुन्दर काज। इससे कुसुमित होता,रहा समाज॥ सबके हित की बातें,यहाँ प्रधान। रचनाकारों का है,कार्य महान॥ तुलसी दल के जैसे,सब गुणवान। छोटे और बड़े…

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माता रानी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** माता रानी अम्बिके,कर देना शुभ काज। आए तेरे द्वार पर,रखना सबकी लाज॥ रखना सबकी लाज,शरण में आज तिहारे। देखो हाहाकार,मचा है देश हमारे॥…

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राम का नाम करे भवपार

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* (रचना शिल्प:१६ मात्रिक छन्द-आदि में ३,२त्रिकल द्विकल अंत में २,३द्विकल त्रिकल दो-दो चरण सम तुकांत चार चरण का एक छन्द) अवध के प्यारे हैं श्री…

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ये जीवन इक रंगमंच

रीना गोयल यमुना नगर(हरियाणा) ************************************************************* ये जीवन इक रंग मंच है,अलग-अलग किरदार। कठपुतली के खेल में हुए,हम सब हिस्सेदार। कोई नराधम हुआ धरा पर,चलता कुत्सित राह। ओर निभाये कोई मीत…

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