शिक्षक महिमा अतिगहन
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मातु-पिता भाई समा, मीत प्रीत गुरु होय।सदाचार परहित विनत, समरसता गुरु सोय॥ ज्ञान कहाँ जन गुरु बिना, कहँ दर्शन भगवान।भवसागर से मुक्ति कहँ, कहँ…