‘कोरोना’ काल: विद्यार्थी,शिक्षण व्यवस्था और छुट्टी

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)************************* ‘कोरोना’ महामारी अब लगभग खत्म हो गई है,पर यह सभी विद्यार्थियों को अलग-अलग तरह से पढ़ने के तरीके सिखा गई। इसके पहले विद्यालय में ही बच्चे पढ़ने जाया करते थे। उनको शाला जाना तब उतना अच्छा नहीं लगता था। कभी-कभी छुट्टी लेने का मन भी करता,पर पढ़ाई के नुकसान और मम्मी-पापा … Read more

पेड़ लगाओ

विजय कुमार,अम्बाला छावनी(हरियाणा) ************************** राघव जी शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी थे और सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहते थे। शहर में कई सामाजिक संस्थाओं के वह पदाधिकारी भी थे। ऐसी ही एक संस्था ने ‘पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ’ के अभियान के तहत पेड़ लगाने का प्रस्ताव पारित किया। राघव जी ने अपने सहयोगियों … Read more

रिश्तों की डोर

डॉ.पूर्णिमा मंडलोईइंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. आज संक्रांति के त्योहार पर हमेशा की तरह छत पर पतंगबाजी का कार्यक्रम था। घर के सभी सदस्य तीनों बेटे,तीनों बहुएं,बच्चे,सास,ससुर सुबह से ही छत पर आ गए थे। सभी में पतंग उड़ाने का बहुत उत्साह था। सुबह से ही सबने नाश्ते की तैयारी कर ली थी,परन्तु घर … Read more

आज मिठाई में वह स्वाद नहीं…

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)************************* मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. यह बात आज से पच्चीस-तीस साल पहले की है। हम सब त्यौहारों पर अपने अम्मा-बाबूजी के साथ गाँव जाया करते थे। वहाँ दादी-बाबा के पास त्यौहार मनाने का मजा ही कुछ और होता था। वहाँ हम बच्चों का दुलार,प्यार और हुडदंग दादी-बाबा को भी बहुत अच्छा लगता … Read more

कोरोना काल…रेल यात्रा बेहाल…

तारकेश कुमार ओझाखड़गपुर(प. बंगाल ) ************************************************* वाकई भौकाल मचाने में हम भारतीयों का कोई मुकाबला नहीं। बदलते दौर में दुनिया २ भागों में बंटी नजर आ रही है। एक पर्दे की दुनिया और दूसरी असल दुनिया,इस बात का अहसास मुझे कोरोना की नई लहर के बीच की गई रेल यात्रा के दौरान हुआ। भांजी की … Read more

मृदुला सिन्हा थीं महान इंसान और साहित्यकार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************************** राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष,सुप्रसिध्द साहित्यकार,समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष व गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा जितनी सशक्त लेखिका थीं,जितनी मानवाधिकारवादी थीं,उतनी ही श्रेष्ठ वे संस्कृति प्रेमी भी थीं। सरल,विनम्र,व्यवहारकुशल,मिलनसार, निरभिमानी मृदुला जी वास्तविक अंशों में राष्ट्रवादी थींl वे अत्यंत सहज व सामाजिक सरोकारों-मानवीय मूल्यों से अनुप्राणित … Read more

हिंदी-सेवी मृदुला सिन्हा का जाना साहित्य की अपूरणीय क्षति

गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा न केवल एक साहित्यकार थी,बल्कि एक सशक्त हिंदी सेवी भी थीं। २०१४ में वे गोवा की राज्यपाल बनी थी। उसी वर्ष हमने मुंबई में वैश्विक हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया था। हमने उन्हें मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया था। राज्यपाल बनने के बाद वे हिंदी के किसी … Read more

माधवी,अब तो बता दे…

अंशु प्रजापतिपौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड)************************************************** मेरा अज्ञान कई बार मुझे शर्मिंदा करता है, कुछ किस्से हैं जिनके अंत आज तक समझ नहीं पाती..क्या हर भाव को सिर्फ एक ही कसौटी पर कसा जा सकता है ? क्यों इतनी स्वच्छंदता मानव स्वभाव में नहीं है कि बिना न्यायोचित ठहराए,बिना सही-गलत का मूल्यांकन किए हम हृदय में उमड़ते भावों … Read more

दृष्टिकोण

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)********************************************* पिछले वर्ष नवरात्रि में रायपुर अपने भैया के घर गई थी। दोपहर का समय था,गेट में कुछ बच्चों की आवाज़ सुनकर मैं भी भाभी के साथ बाहर निकली तो देखा,कुछ लड़कियाँ बाहर खड़ी थी। उनमें से एक ने भाभी को देखते ही कहा-“आँटी कुँवारी खिलाओगी क्या ? कब आएं हम लोग..?”तो जवाब में … Read more

जीवट वाले दलित महानायक थे रामविलास पासवान

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************* बिहार की राजनीति में चमत्कार घटित करने वाले भारतीय दलित राजनीति के शीर्ष नेता एवं केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान का निधन भारतीय राजनीति की एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की वर्ष २००० में स्थापना की एवं संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से उनका राजनीतिक सफर शुरु हुआ। वे अकेले … Read more