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‘कोरोना’ काल: विद्यार्थी,शिक्षण व्यवस्था और छुट्टी

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्ला
कानपुर (उत्तरप्रदेश)
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‘कोरोना’ महामारी अब लगभग खत्म हो गई है,पर यह सभी विद्यार्थियों को अलग-अलग तरह से पढ़ने के तरीके सिखा गई। इसके पहले विद्यालय में ही बच्चे पढ़ने जाया करते थे। उनको शाला जाना तब उतना अच्छा नहीं लगता था। कभी-कभी छुट्टी लेने का मन भी करता,पर पढ़ाई के नुकसान और मम्मी-पापा के डर से बोलते नहीं थे। फिर कोरोना महामारी का दौर आया,जब महामारी ने भारत में प्रवेश किया तब प्रधानमंत्री ने सभी विद्यालय, महाविद्यालय,कार्यालय,व्यापार आदि सब बंद करा दिए। इसके बाद बच्चे काफी खुश हुए,सोचा-अब पढ़ाई से कुछ दिनों के लिए छुटकारा मिल जाएगा। फिर २-३दिन के बाद ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने के बारे में पता चला। इन कक्षाओं के लिए बच्चों को एक नया फोन मिला,फिर बच्चों की पहली ऑनलाइन कक्षा का दिन आया। बच्चों को पहली कक्षा में बहुत मज़ा आया,क्योंकि ये स्कूल से काफी कम समय की थी,तथा गृहकार्य भी बहुत कम मिलता था।
ऑनलाइन कक्षाएं निरन्तर २ महीने चलीं। फिर गर्मियों की छुट्टी हो गई तो २ महीने बच्चों ने घर में बहुत मज़े किए और भगवान से प्रार्थना की कि कोरोना कभी न जाए। छुट्टियों के बाद ऑनलाइन कक्षाएं फिर शुरू हुईं। बच्चों को ये कक्षाएं बहुत आनंदायक लगीं। फिर कुछ दिन बाद अध्यापकों से परीक्षा के बारे में सुनकर बच्चों ने सोचा कि-परीक्षा लिखित होगी या मौखिक ? कुछ दिन बाद पता चला कि परीक्षाएँ तो लिखित होंगी पर वह गूगल प्रारूप में एमसीक्यू प्रश्नों के रूप में होंगी। उन्हें ऑनलाइन परीक्षा देने में काफी मज़ा आया। इसके बाद दूसरी परीक्षाएँ आई,ये भी घर से ही दी। अब बच्चों को घर में रहने में तो काफी अच्छा लग रहा था,पर ऑनलाइन कक्षाएं उबाऊ लगने लगीं थी। सोच रही थी कि ऑनलाइन कक्षाएं कब खत्म हों और बच्चे फिर से विद्यालय जाने लग जाएँ,पर बच्चों की लगता भगवान ने गर्मी की छुट्टी वाली प्रार्थना स्वीकार कर ली थी। इसलिए उनकी ऑनलाइन कक्षाओं के खत्म होने और शाला के शुरू होने का इंतज़ार बढ़ता गया। धीरे-धीरे यह इंतज़ार दिनों से हफ़्तों और हफ़्तों से महीनों में बदला। यह इतना आगे चला कि,उनकी तीसरी परीक्षा और २०२० भी समाप्त हो गया,पर यह इंतज़ार २०२१ जनवरी के आखिरी हफ्ते तक खत्म हो गया।
अब सिर्फ कुछ ही बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं होती हैं,पर महामारी के दौर ने बच्चों को इतनी छुट्टी दी कि,वह अब छुट्टी का मतलब भूल गए हैं। महामारी के इस दौर ने हमको और भी बहुत कुछ सिखाया एवं दिखाया,किन्तु अब कोरोना के टीके के आने से यह महामारी का दौर खत्म होने की ओर अग्रसर है।

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