नम्रता

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** अहम भावना शून्यता, है नम्रता प्रतीक... कठिन काम भी नम्रता, कर देती है ठीक। निराभिमान और नम्रता, देती पोषक तत्व... कायरता है ये नहीं, ये…

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नफरतों को हटा दीजिए

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** पेड़ हर मोड़ पर इक लगा दीजिए। कुछ धरा का प्रदूषण घटा दीजिये। और कुछ खूबसूरत बना दीजिए। नफरतों को वतन से…

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नियति से हारा नहीं हूँ…

अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जलधि-सा उन्मुक्त मैं ! पर- चित्त से खारा नहीं हूँl चातकों-सी साधना है- नियति से हारा नहीं हूँll पीर! पर्वत बन भले ही- व्योम से कर…

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सागर

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** विशालता का द्योतक है सागर,बाकी अब मैं क्या कहूं, सहनशीलता का प्रेरक है सागर,इससे ज्यादा क्या कहूं। ओ तड़पते नदियों को देता है…

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शीतला माँँ

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** तन शीतल हो, मन भी शीतल हो। शीतलता हो चहुँओर, माता तुम शीतल हो। स्वच्छता का देती संदेश, यही तुमने धरा है भेष।…

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था भरोसा मगर सब धुंआ हो गया…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** था भरोसा मगर सब धुंआ हो गया। नाम जिसका वफ़ा बेवफा हो गया। सिर्फ मतदान करके जरा सोचिए, फर्ज क्या आपका है अदा हो…

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माँ की ममता

शैलश्री आलूर ‘श्लेषा’  बेंगलूरु (कर्नाटक राज्य) ************************************************** वृद्धाश्रम में मौत की राह देखती बैठी एक माँ के हाथ बेटे का खत मिला। पत्र सुंदर था खत का विषय कुछ ऐसा…

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दिल में आते-जाते रहिए

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** इश्क़ का भ्रम यूँ बनाते रहिए, इस दिल में आते-जाते रहिएl आप ही मेरी नज़्मों की जाँ थी, ये चर्चा भी सरे आम सुनते रहिएl…

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होली

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प: विधान ८,८, ८,७ वर्ण आठ,आठ,आठ,सात। वर्ण संयुक्त वर्ण एक ही माना जाता है। कुल ३१ वर्ण,१६,१५, पर यति हो,(,) पदांत गुरु(२) अनिवार्य है,चार पद…

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जवां हो प्यार नित अपना

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** चलो खेलो पिया होली,बना लो रंग पानी का, लगा दो रंग गालों पर,मजा ले लो जवानी काl महक फैली हुई चहुँदिस,यहाँ मधुमास का देखो,…

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