माँ’ बनकर समझी परिभाषा

वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… उस दिन प्रसव पीड़ा से गुजरते हुए... बंद पलकों और अधरों से बहते.. कष्ट में छाया था, बस एक ही चेहरा...…

Comments Off on माँ’ बनकर समझी परिभाषा

जीवन दर्पण माँ

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का रूप, रूप बेटी का छोड़कर आती माँ। बाँहों को फैलाकर बुलाती माँ, साया बन जाती है तेज धूप में... याद…

Comments Off on जीवन दर्पण माँ

माँ का वचन

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ हूँ मैं तेरा एक जिंदा अंग, नहीं दूंगी तुझे आँसू का संग। जब मेरी इन आँखों का काजल है बिखरा,…

Comments Off on माँ का वचन

मेरी माँ सबसे बढ़कर

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जननी बन जन्म देकर उसने मुझे यह संसार दिया, दुःख झेला खुद सारा,लेकिन मुझे बहुत प्यार दिया। अमृत जैसे दूध…

2 Comments

माँ की साधना

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का सारा जीवन एक साधना है। माँ को समर्पित मेरी हर आराधना है॥ कितनी बार ये सोचा…

Comments Off on माँ की साधना

मेरी माँ

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ तू अवर्णित है, करुणा की रागिनी से ध्वनित है। कभी वज्र से भी कठोर, कभी कुसुम कोमल हृदय से निर्मित है।…

Comments Off on मेरी माँ

माता तुम अनुपम

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… प्रकृति का अनुपम उपहार, मातृत्व से भरी कोमल नारl जननी ममतामयी अमृत रसी, कोमलांगी माता शक्ति सारl नित्य कष्ट…

Comments Off on माता तुम अनुपम

माँ

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… ए माँ तेरे चरणों में,सुख चैन है सब मेरा, बिन तेरे जीना तो,लगता है घोर अंधेरा। आँखों में आँसू हैं,आँचल…

Comments Off on माँ

माँ

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जीवन की पाठशाला की, सर्वोत्तम एकेडमी है माँ। शरीर में हम सबकी, रक्त-सी दौड़ती है माँ। जब समूचा ब्रह्मांड, उदघोष…

Comments Off on माँ

माँ तो माँ होती है

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जीवन देती है,ओ जन्म देती है, सूखे में सुलाती माँ,गीले में सोती है। माँ तो माँ होती है,माँ तो…

1 Comment