माँ

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** लुटाती प्यार का सागर,रखे मुझमें ही अपनी जां, कभी कुछ बात जब कहती,सहज रहती है मेरी हाँ। सदा से मैं ही हूँ जिसका,कलेजे का कोई टुकड़ा- नहीं भूली कभी मुझ पर,जताना प्यार मेरी माँ॥ परिचय-डीजेंद्र कुर्रे का निवास पीपरभौना बलौदाबाजार(छत्तीसगढ़) में है। इनका साहित्यिक उपनाम ‘कोहिनूर’ है। जन्मतारीख ५ … Read more

बुरा है घबराना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** बुरे पल आते-जाते हैं,बुरा है इनसे घबराना, मनाना ईश को निशदिन,अहितकर होता डर जाना। है भीतर हौंसला तो,बढ़ते जाना,कैसा रुक जाना- जो ठहरा,वह गिरेगा,तब तो उसका तय है मिट जाना॥ परिचय-प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैl आपका जन्म १९६१ में … Read more

मेरी हमसफ़र

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** सभी गम दूर है मुझसे,सुखों का ताज मेरा है, जिसे पाकर हुआ मैं धन्य,सुरक्षित आज मेरा है। है मेरी प्राण प्यारी,जान जिस पर मैं छिड़कता हूँ- वही है हमसफर मेरी,वही हमराज मेरा है॥ मेरे रग-रग में बसती है,मेरी यह प्रेम थाती है, वो मुझसे प्यार करती है,यही हर पल … Read more

झूठा नित्य हारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सदा सच्चों को रहता ईश का ही तो सहारा है, जो झूठा है,जो कपटी है,वो बंदा नित्य हारा है। जो नैतिकता,धरम को मानता,विजय उसको ही मिलती है- जो खो देता है ईमां को,रहे हरदम बेचारा है॥ परिचय-प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर … Read more

हर दिल की आशा हो

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** सभी के दिल में हो हिन्दी यही हर दिल की आशा हो, इसी से देश की गरिमा सभी का दिल पियासा हो। चलो हम एक होकर हिन्द की भाषा करें हिन्दी- हमारी आरजू इतनी कि हिन्दी राष्ट्रभाषा हो॥ परिचय-अवधेश कुमार विक्रम शाह का साहित्यिक नाम ‘अवध’ है। आपका स्थाई पता मैढ़ी,चन्दौली(उत्तर प्रदेश) … Read more

हिंदी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** नहीं मात्र भाषा बस हिन्दी,यह माँ की शुचि बोली है, वैज्ञानिक स्वर व्यंजन सज्जित,सुर सप्तक रंगोली है। शब्दकोष उपभाषा बोली,आँचल में रख हरसाती- वाणी यह है सवा अरब की,भारत माँ-सी भोली है॥ परिचय-अवधेश कुमार विक्रम शाह का साहित्यिक नाम ‘अवध’ है। आपका स्थाई पता मैढ़ी,चन्दौली(उत्तर प्रदेश) है, परंतु कार्यक्षेत्र की वजह से … Read more

बंजारा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** यायावर बंजारे दिन उनके होते हैं, खोजी विचार वाले जो सीमित होते हैं। यद्यपि होती क्षमता कुछ अनगिन लोगों में- जनहित,परहित भाव कुछों में ही होते हैं॥ खोज सत्य व ज्ञान की जो भी करते थे, खोकर अपना सब-कुछ यह पथ चलते थे। ज्ञानी,योगी,तापस,ऋषि व महापुरुष- यायावर बन भ्रमण विश्व … Read more

महामारी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** फैली ‘कोरोना’ बीमारी, फँसी है इसमें दुनिया सारी। बाहर आना ठीक नहीं है- बंद आज है दुनिया सारी॥ ऐसा शायद कभी न देखा, मंदिर कपाट बंद न देखा। सड़कें सूनी,गलियाँ सूनी- सूना गाँव,बाजार न देखा॥ माँ बाहर तुम नहीं निकलना, सभी लोग सँभल कर रहना। दूर-दूर ही बातें करनी- निकट … Read more

हम भी हाथ बटाएं

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** सरकारों की कोशिश में कुछ,हम भी हाथ बटाएं, और मिले निर्देश उन्हें हम,अंतस से अपनाएं। भेदभाव को भूल-भाल कर,मिलकर जतन करें- मिल-जुलकर इस ‘कोरोना’ को,आओ मार भगाएं॥ परिचय-ओमप्रकाश अग्रवाल का साहित्यिक उपनाम ‘बबुआ’ है।आप लगभग सभी विधाओं (गीत, ग़ज़ल, दोहा, चौपाई, छंद आदि) में लिखते हैं,परन्तु काव्य सृजन के साहित्यिक … Read more

खुशियों का संसार हमारे हाथों में

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** `कोरोना` का क्यूँ कर रोना,उपचार हमारे हाथों में, रक्षा और सुरक्षा का,अधिकार हमारे हाथों में। तन से तन की दूरी रक्खें,और स्वच्छता खूब रहे- हम चाहें तो खुशियों का,संसार हमारे हाथों में॥ परिचय-ओमप्रकाश अग्रवाल का साहित्यिक उपनाम ‘बबुआ’ है।आप लगभग सभी विधाओं (गीत, ग़ज़ल, दोहा, चौपाई, छंद आदि) में लिखते … Read more