सर्वश्रेष्ठ संस्कार

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** उपवास और आराधना.... प्रभु आराधना और तप तेला का,एक सुंदर संसार हैश्रद्धा और भक्ति से,इसमें मिलता सुन्दर व्यवहार है। शरीर के जीर्ण-शीर्ण रोग,इस उद्यम से भाग जाते हैंस्वस्थ और…

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वफा की तो सपना सजा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* हद नहीं प्यार की दिल तू जितना सजा।पर हो शिद्दत वफा की तो सपना सजा। ख्वाब देखे मुहब्बत के हर दिल सदा,नींद में तू…

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अगर साथ देते…

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** अगर साथ देते तुम मेरा,जिंदगी कुछ और होती। गम नहीं होता जरा भी,नाम सारे जग में होता। टूटती फिर यूँ नहीं मैं,खिलखिलाती घूमती। ये उदासी घर न करती,और…

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खिला प्रेम के फूल

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* इश्क़ नहीं आसान शै, पालो मत ये रोग।चार दिन की चाँदनी, जीवन भर का सोग॥ बनकर आना चाहती, हर औरत इक हूर।ब्यूटी पार्लर गर्ल…

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रिश्तों की फुलवारी में काँटे

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** क्रूर नियति ने किस्मत में मेरी,संन्यास लिखा हैजीवन के पन्नों पर दुःख भरा,इतिहास लिखा है। अपनों ने ही अपनों के संग,खिलवाड़ किया हैमन के पृष्ठों पर मर्म…

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आत्मा अमर

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* माटी की काया में आत्मा का शहर है,सच कहते हैं गुरु ज्ञानी आत्मा अमर है। एक दिन मिलेगी माटी की काया माटी में,नश्वर काया पड़ी रहेगी,…

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सत्य से प्रीत निभाऊं कैसे!

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** सबके प्रिय भोले (शिवरात्रि विशेष).... सबके प्रिय भोले मेरेबनें प्रिय हम तेरे कैसे,प्रीत निभाएं ऊपर-ऊपरभीतर हम जैसे के तैसे। नाम शिव जपता हूँ तेराझूठ उपवास रखता हूँ…

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समय की मार

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) ******************************************** कीमत नहीं है समय की, इसे न भूलो यार,समझ गए जो कीमत इसकी, नैया हो गई पार। जिसने भी है खेला इससे, खानी पड़ी है मार,समय की…

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मौसम ने रौनक है बाँटी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धूम मचाती जल बरसाती, वर्षा रानी आई।आज मगन मन वृक्ष ले रहे, झूम-झूम अँगड़ाई॥ जल धरती पर पहुँच रहा है, नदियाँ हैं दीवानी,मौसम ने रौनक है…

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गीतों को सौगात समझना

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** गीतों को सौगात समझना,मेरे मन की बात समझनाचाँद खिले तो फैले चाँदनी,वैसी ही एक रात समझना। प्रेम-पूर्ण उपहार समझना,खुशी का बाजार समझनाहर शब्द भीगा है प्यार…

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