मन प्रभु में क्यों न लगाया !

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** अति सुन्दर भार्या मिली, पाई संस्कारी सन्तान,तेरा भी तन रूपवान, दौलत पाई कुबेर समान। अपने जीवन में तुमने, इतना सब-कुछ है पाया,फिर भी अपना मन तूने,…

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कैसे छलक रही हाला

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** वर्तमान राजनीति.... आ कर देखो बच्चन साहब कैसे छलक रही हाला,हर कूचे, हर गली खुले है, दिल दिल्ली है मतवाला। राजनीति के रंग देखती जनता पहुँची मधुशाला,चाचा-भतीजा,…

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हो भावों के वशीभूत तुम

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** शिवरात्रि विशेष.... न जाने कितने जन्मों तकमरघट से तुम अडे रहे,विरह सती का पाकर केशिव शव से तुम पड़े रहे। थे भावों के वशीभूत तुमजन्म-जन्मांतर अड़े रहे,पहन…

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कातिल बरसात

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सूरज डूबा फिर शाम ढली,अंधेरा छाया और हो गई थी रात,रोजमर्रा के माफिक खाना खा कर, सो गए सारे थे उस रात। घना अंधेरा था,कोहरा घनेरा…

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सबके प्रिय भोले

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** शिवरात्रि विशेष... मन बड़ा अस्थिर,शायद तभी चंचल भी है मेरे प्रिय भोलेठहराव पाने की जुगत में,भौतिक शक्तियाँकर देती भ्रमित हमें मेरे प्रिय भोले,भटकने लगता मनभटकन से हमें…

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कान्हा फिर आ जाओ

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** कान्हा फिर आ जाओ,हमें स्वर्ग की सैर कराओतेरी यादों में खो जाते,तुम आकर मुझे राह दिखाओ। तुम्हारे फौलादी सीने से,उमड़ता खूब प्यार हैग्वाल-बाल संग है दिखता,सुंदर एक उपहार है।…

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साजन! तुम न आए

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* मन-मधुबन की सूनी कुटियाबाट जोहती,आस जगाए,पल-पल साल, महीने बीतेबरखा बैरन अगन लगाए,लेकिन-साजन! तुम न आए। चौराहों पर दीप जलाएपत्थर-पत्थर मन्नत मांगी,हर शिवालय फूल चढ़ाएमंदिरों में शीश झुकाए,लेकिन-साजन!…

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हे मुरलीधर

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** वृंदावन तेरा सूना-सूना,सूनी है इसकी गलियाँकन्हा फिर आ जाओ दरश,को तरस रही मेरी अंखियाँ। बड़े सुने हैं किस्से तेरे,लीला भी अति प्यारीकान में कुंडल मोर मुकुट,सिर शोभे…

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दिलकश था वो नज़ारा

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* प्रथम प्रेम पाती का पाना,जोरों से दिल का धड़क जानासूने मन में गुलों का खिलना,प्रत्येक हर्फ़ बार-बार पढ़नाख़्वाबों का सत्य हो जाना,हौले-हौले हृदय में उतरनाबेहद…

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नशा

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** भार यह सारे मनुज को ही उठाना चाहिए।हाथ भी अब तो नशे पर ना लगाना चाहिए॥ यह बुरी, कहते सभी हैं लोग दुनिया में बड़े।तोड़ती घर भी यही,…

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