अंधेरी है रात..

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंधेरी है रात हम भटक गए हैं बाट, छूट गया है साथ बहुत बड़ी हो गई रात। कौशिक बोल रही है बिजली चमक रही है, बादल…

Comments Off on अंधेरी है रात..

वरदान हैं वृक्ष

गीता गुप्ता ‘मन’ उन्नाव (बिहार) ************************************************************************************* प्रकृति का उपहार हैं वृक्ष, वसुधा का श्रृंगार हैं वृक्ष। प्राण वायु उत्सर्जन करके, नित करते उपकार हैं वृक्ष॥ भूमि का सम्मान हैं वृक्ष,…

Comments Off on वरदान हैं वृक्ष

मन

हीरा सिंह चाहिल 'बिल्ले' बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मन पापी,मन दोगला,मन ही साँचा मीत, बैरी और कपटी भी मन,मन ही करता प्रीत। मोल दिये न मन मिले मन तो है अनमोल,…

Comments Off on मन

चाँद

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** महताब दर महताब, बस बिखरे आपके ख्वाब। दूज का चाँद दिखा, तो मांगा सजन सलोना। ईद के चाँद से की, जल्दी आने की याचना।…

Comments Off on चाँद

कैसे नहीं होगा विकास ?

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* जहाँ लूटा जाए दिनदहाड़े, जहाँ खेला जाए एक-दूसरे के जीवन से, उससे अच्छा कहाँ होगा विकास ? कहाँ होगा ऐसा विकासशील देश, जहाँ बहू-बेटियों को ताड़ा…

Comments Off on कैसे नहीं होगा विकास ?

प्रशिक्षण खुद से खुद को लेना होगा

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* दर्जनों प्रशिक्षण, हम-तुम और वे यूँ ही लेते रहेंगे, नई-नई विधाएं नई- नई कलाएं, सीखना है ता-उम्र सीखेंगे। शिक्षण का प्रशिक्षण तो बिल्कुल उचित…

Comments Off on प्रशिक्षण खुद से खुद को लेना होगा

मेघों को निमंत्रण है

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** मेघों को मेरा निमंत्रण है... मेघों को कोयल,पपीहा,मोर, झरने,नदियों का निमंत्रणl आ जाओ तुम उमड़-घुमड़ कर, काले घनघोर मेघ तुम बरस जाओl प्यास मिटाकर अमृत बरसा…

Comments Off on मेघों को निमंत्रण है

आनंद बोध

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* मेरी पीठ पर फैले अँधेरे को, मैं कभी यकायक विस्मय से ज़रा पलट कर देखती हूँ कि, कितनी ही धूप क्षणिकाएं झिलमिल-झिलमिल उतर आयी हों। नव…

Comments Off on आनंद बोध

खुद की खोज जारी रखो

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** खुद की खोज जारी रखो, मरने की रोज तैयारी रखोl कब-कौन कहां बदल गया, इसकी पूरी जानकारी रखोl खुद पर यकीन करना सीखो, नीयत सच्ची…

Comments Off on खुद की खोज जारी रखो

हम हैं बस प्यार के..

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** क्या खूब सलीके इज़हार के प्यार के,बेकरारी के तराने, क्या कशिश अनसुलझे अहसास के, क्या समर्पण स्वयं का प्यार के निकुंज में नासमझी…

Comments Off on हम हैं बस प्यार के..