अब कैसे कृष्ण,कैसे राम निकलेगा
सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************* तेरा न बोलना बहुत देर तक खलेगा, एक न एक दिन तेरा घर भी जलेगाl नज़र बंद हो अपनी बोई नफरतों में, फिर रहीम और कबीर कहाँ मिलेगाl चाँद को चुरा के रात को दोष देते हो, इंतज़ार करो,आसमाँ भी पिघलेगाl जाति,धरम,नाम सबसे तो खेल लिया, अब कैसे कृष्ण,कैसे राम … Read more