भारत वर्ल्ड-कप लाएगा…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** धोनी-कोहली पर पूरा विश्वास, भारत वर्ल्ड-कप लाएगा। टीम-इंडिया बनी है कुछ खास, भारत वर्ल्ड-कप लाएगा। कपिल-सुनील ने किया था कमाल, जीता तिरयासी(१९८३) का जलवा-जलाल। धोनी-सचिन ने जलवा था दिखाया, वर्ल्ड-कप फिर से भारत को दिलाया। क्रिकेट-जन की आँखों में उजास, नाम अब भी जगमगाएगा। धोनी-कोहली पर पूरा … Read more

मेघ सजन घर आजा रे…

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* मेरे मेघ सजन मेरे घर आजा रे, मतवारे से सजन मेरे घर आजा रेl ….मेरे मेघ सजन मेरे…ll राह निहारूँ मैं कब से तेरी, धीरज आ के बंधा जा रेl ….मेरे मेघ सजन मेरे…ll सूख गए रे मेरे ताल तलैया, नीर तो इनमें भर जा रेl ….मेरे मेघ सजन मेरे…ll जीव … Read more

शुचिता की परिभाषा

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** आओ गीत सुनाऊँ तुमको, ‘शुचिता की परिभाषा’ का, मनभावों में पलता है उस,जीवन की अभिलाषा का। इन नयनों में नेह-स्नेह की,बहती निर्मल धारा हो, दीन-दु:खी की पीड़ा का भी,सच्चा दर्द हमारा हो। दया धर्म का भाव हमारे,जीवन का आधार रहे, खुशियों से परिपूरित अपना,सारा ही संसार रहे। हर भूखे को … Read more

बादल,बरसो ना..

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बरसों ना तुम ऐ बादल, ना तरसाओ भीगे तन-मन छिटकें मोती के दाने, सज जाये घर का आँगनl बरसो ना… बाट निहारे धरती प्यासी, झुलसा रही तपती गर्मी सूख रही डाली-डाली, पेड़ों पर छाई उदासीl बरसो ना… रिमझिम छाए जब घटाएं, पेड़ों पर मस्ती लहराए झूमे पत्ते-पत्ते मुस्काए, आँखें हर पल … Read more

जो कोई आया, माँ भारती ने अपनाया

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. जो क़ोई शरण में आया माँ भारती ने अपनाया, मेरे भारत ने अपनाया। मेरे भारत की विशाल छाती, सबको गले लगाती। अपनी दरियादिली का परचम, विश्व में लहराया। जो कोई… सौहार्द हृदय लेकर, वह गोद में बैठाती। क्या हिन्दू,क्या मुस्लिम, क्या सिक्ख,क्या इसाई। माँ की स्नेह धारा, … Read more

अब तो आजा सनम…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** चाँद भी छुप गया,रात भी ढल गई, अब तो आजा…मेरा दम निकलने को है। वादियां जग उठीं,रास्ते चल पड़े, मेरी रुह अपना चोला बदलने को है। अब तो आजा सनम… चाँद और चाँदनी इश्के मशगूल थे, खूब शबनम बरसती,टपकती रही। हसरते यार दीदार को रातभर, मेरी नजरें तरसती,भटकती … Read more

विधाता का पश्चाताप

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** इक दिन मिला विधाता मुझको लिये हाथ में झोला, और लरजते अधरों से वो धीरे से यूँ बोला। जीवन में हैं कष्ट अनेक ताप और संताप बहुत है, अच्छे कर्म कहाँ मिलते हैं जग में अब तो पाप बहुत हैं। मैं यूँ बोला प्रभुवर तुम तो जग के भाग्य विधाता … Read more

अब चुप न रहो

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** खामोशी तोड़ दो, अब चुप न रहोl कोई नहीं समझेगा, दु:ख-दर्द यहाँ तेरा बात मान लो मेरी, अब जिद्द छोड़ दोl खामोशी तोड़ दो- अब चुप न रहोll आज की नारी हो, सब पर भारी हो अधिकार जान लो, मन से मन जोड़ लोl खामोशी तोड़ दो- अब चुप न … Read more

दासतां जुबां पे ना आये…

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** गर कहीं मुलाक़ात हो जाये, खुदा करे तेरी याद ना आयेl ना गिले ना शिकवे, उलफत नफरत की दासतां, जुबां पे ना आयेll बिखर गया अरमाने मुहब्बत, उजड़ी जिन्दगी का चमन वीरानl कारवां का अजनबी कहीं फिर न मिल जायेll जवां दिल की मुहब्बत का जुनून इंतज़ार का, लम्हा-लम्हा … Read more

कैसे लोग चला देते हैं बच्चों पर शमशीर

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** सोच-सोच कर मन यह मेरा होता रोज अधीर, कैसे लोग चला देते हैं बच्चों पर शमशीरl कैसे उसको पाला होगा, पल-पल उसे सम्हाला होगाl बिना खिलाये माँ के मुँह तक, जाता नहीं निवाला होगाl हल्की-सी भी चोट लगे तो माँ को उठती पीर- कैसे लोग चला देते हैं बच्चों … Read more