ऐसी भी मजबूरी कैसी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** दो शब्द नेह के लिखे हैं लेकिन,शायद ही पढ़ पाओ तुम। साजन याद बहुत आती है,जैसे हो आ जाओ तुम॥ पाती में ही कब तक…

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अनमोल प्रण बन गये

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* रातभर जो उबलते दृगों में रहे, प्रात होते ही क्यों ओस कण बन गये। खौलते नीर की तो व्यथा है यही, न गगन ही मिले न…

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पर्यावरण बचाएंगे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** आओ मिलकर पर्यावरण बचाएंगे। मेहनत कर धरती को स्वर्ग बनाएंगेll जल की कोई बूंद व्यर्थ न बहने पाए। हरे भरे ये पेड़ कभी ना कटने…

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अश्क

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** जो पिघल कर हिमशिखर से,नीर बनकर बह गया, वो धरा की प्यास को भी,तृप्त-सा ही कर गया। किंतु नयनों से जो छलका,नीर तो वो भी…

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शुभ्र मातु भारती…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** हाथ में ध्वजा लिये,शुभ्र मातु भारती। भोर की नव रश्मियाँ,आरती उतारती॥ ये मंद सी बयार है,विहग गान गा रहे। हरित विटप और लता,रूप हैं सजा…

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माँ

पवन कुमार ‘पवन’  सीतापुर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष…………   माँ के आँचल से निज सुत पर,निर्झर नेह झरे। अम्बर ज्यों निज ओस-कणों से,शीतल अवनि करे॥ धरती-सा विस्तृत मन…

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माँ की साधना

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का सारा जीवन एक साधना है। माँ को समर्पित मेरी हर आराधना है॥ कितनी बार ये सोचा…

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माँ

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… ए माँ तेरे चरणों में,सुख चैन है सब मेरा, बिन तेरे जीना तो,लगता है घोर अंधेरा। आँखों में आँसू हैं,आँचल…

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माँ तो माँ होती है

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जीवन देती है,ओ जन्म देती है, सूखे में सुलाती माँ,गीले में सोती है। माँ तो माँ होती है,माँ तो…

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वो प्यार का सागर थी

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष............ वो प्यार का सागर थी, वो ममता की मूरत थी। अनमोल सहारा थी, गयीं छोड़ हमें जग से। उसे पाने को कहाँ…

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