खरी-खरी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** जिन्हें वतन के आदर्शों का,दर्प दिखाना था जन को, सत्य और सुचिता के पथ पर,जिन्हें चलाना था मन को। जिन कंधों को संस्कार का,भार उठाया जाना था, जिनको अपनी नीति नियत का,प्रहरी हमने माना था। भले-बुरे का भेद बताकर,सत्य उगलना था जिनको, नेह स्नेह के हिम शिखरों-सा,नित्य पिघलना था जिनको। … Read more

नहीं पूर्वजों की सहेजी निशानी

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** शिला की तरह टूटते जा रहे हैं, कि रिश्ते सभी छूटते जा रहे हैंl न दादा के रिश्ते न दादी के रिश्ते, सभी ढो रहे सिर्फ शादी के रिश्तेl जड़ों में ही विष कूटते जा रहे हैं, कि रिश्ते सभी छूटते जा रहे हैं…ll नहीं पूर्वजों की सहेजी निशानी, … Read more

माँ की सीख..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** चाहे पथ पर बाधाओं के, शैल-शिखर से उठते हों। चाहे पग पर पराभवों के, शूल नुकीले चुभते हों॥ मैं साहस के जुगनू लेकर, पथ पर दीप जलाता हूँ। कभी किसी पल मोती देंगे, उर में सीप सजाता हूँ॥ आज निराशा लोरी गाती, विजय गान भी आयेंगे। हृदय मेरा पुलकित होगा, … Read more

चुनावी चकमक-जै खद्दर धारी…

अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जै खद्दरधारी,भइया…जै खद्दर धारी, वरदहस्त हो तुम्हरा…विपत्ति टरै सारीl भइया…जै खद्दरधारीll देख चुनावी मौसम…फौरन प्रकट भए, जीत इलेक्शन भाई,सब-कुछ गटक गएl जातिवाद के पोषक,शकुनि के अवतारी, जै खद्दरधारी…भइया जै खद्दरधारीll तुम हर्षद के पापा…नीरव के यारा, माल्या जी के वंशज,तुमको धन प्याराl चारा और यूरिया…व्यापमं बलिहारी, जै खद्दरधारी…भइया जै खद्दरधारीll पहला … Read more

ममतामयी ऐसी मेरी वसुंधरा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… जिसका आँचल है रत्नों से भरा, ममतामयी ऐसी मेरी वसुंधरा। ऋण तेरा कैसे चुकायेंगे हम, सौंदर्य वरदान है तुमने दिया। नियम क्या तेरा सदा अपनाएंगे, तभी तो रहता जीवन दुःखों भराl ममतामयी ऐसी मेरी…ll सहनशीलता धरती माँ तेरी महा, वक्ष रहता सदा फूल शूलों से … Read more

पवन पुत्र हनुमान

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* जिनके हृदय में राजते श्री राम हैं, अंजनी नंदन पवन पुत्र हनुमान हैंl प्रभु के संकट हर कहलाये संकटमोचन, सागर तर के लंका पहुँचे चार सौ योजन। श्री राम के भी बिगड़े बनाये काम हैं, अंजनी नंदन पवन पुत्र हनुमान हैं॥ जन्मोत्सव है आज तुम्हारा केसरी नंदन, … Read more

विपदा भू पर आई

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरती से अम्बर तक देखो, घटा धुएँ की छाई। दसों दिशाएँ हुईं ष्रदूषित, विपदा भू पर आई। नदियाँ-नाले एक हो रहे, रहे धरा अब प्यासी। नष्ट हो रही हरियाली भी मन में घिरी उदासी। पीने का पानी भी बिकता, बाजारों में भाई… धरती से अम्बर … Read more

धरा पर जीवन है अनमोल

कैलाश भावसार  बड़ौद (मध्यप्रदेश) ************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरा पर जीवन है अनमोल, धरा पर जीवन है अनमोल- जल कण लेकर सोना उपजे समझो इसका मोलl धरा पर जीवन है अनमोल….ll सृष्टि की रचना का ब्रम्हा के मन में आया होगा, इतनी सुंदर वसुंधरा पर स्वर्ग बनाया होगाl श्यामल भू पर विहग वृन्द … Read more

धरती माँ की करुण कहानी

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरती माँ की करुण कहानी, ग्लोबल वार्मिंग तुम्हें बतानी। रोज काटते पेड़ अनेक, क्षरित हो रहे पर्वत देखो अतिवृष्टि और अनावृष्टि से, असंतुलित है जग का पानी। धरती माँ की करुण कहानी…॥ जनसंख्या विस्फोट हुआ है, नदियों का जल मलिन हुआ है कार्बन … Read more

सूरज कैसा..

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** ऐ मुसाफिर जाग, ज़रा देख आज सूरज कैसा, सुर्ख रूतबा कहीं कहीं घने कोहरे में रुसवा, उड़ती धूल में कहीं धुंध जैसा॥ तल्ख़ तूफ़ान का कायल कहीं, कहीं गर्म हवाओं की हस्ती जैसा॥ सर्द बर्फ बादलों में दिन का उजाला, चाँदनी जैसा॥ देख ऐ मुसाफिर, आज सूरज मौसम अंदाज … Read more