शहर से अच्छा अपना गाँव

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ***************************************** भारत गाँवों का देश है। गाँव को स्वर्ग सम माना जाता है। शान्त,सुखद,मनोहर खेत,खलिहान,कूप- नदी,पोखर,वन-पादप,कच्ची एकपथिया केदारी पथ,मन्द-मन्द सतत् प्रवाहित शीतल पवन,हरियाली फसलों भरी…

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उपलब्धि:भवानी की तलवार और मिताली के रनों का अम्बार…!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** एक तरफ राजनीति के मैदान में देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी पश्चिम बंगाल में अपनी सत्ता बचाने की जी-तोड़ कोशिश में लगी हैं,दूसरी तरफ खेल…

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माँसाहार मतलब मौत…

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शोध-अध्ययन..... सबसे पहले हमें भोजन और आहार में अंतर समझना चाहिए। भोजन यानी भोग से जल्दी नष्ट होना,जबकि आहार यानी जो आरोग्यवर्धक और हानिरहित होता है। शाकाहार यानी…

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इस्लामःअरबों की नकल जरुरी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* स्विटजरलैंड ताजातरीन देश है,जिसने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। दुनिया में सिर्फ हिंदू औरतें पर्दा करती हैं और मुस्लिम औरतें बुर्का पहनती हैं। मुस्लिम देशों में…

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पवित्र हदय ही उत्तम तीर्थ

रोहित मिश्र, प्रयागराज(उत्तरप्रदेश) ********************************************** भारतीय समाज में ये मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। यानि आपके मन में अगर कुछ गलत विचार…

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मनुष्य के पास मानवता नहीं तो,जीवन निरर्थक

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************** मानवता मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म होता है। यह हर मनुष्य के लिए ज़रूरी है। अगर कोई मनुष्य दूसरों की सहायता करके मानवता नहीं दिखाएगा…

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जरा-सी भी लापरवाही घातक

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** 'कोरोना' संक्रमितों की संख्या में जिस तरह वापस बढ़ोतरी आ रही है,वह सभी के लिए चिन्ता का विषय है। इस बढ़ती संख्या को रोकने के लिए…

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ममता बनर्जी का दुःख और सत्ता

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)**************************************** मुद्दा-पश्चिम बंगाल......... आजकल केन्द्र की सत्ताधारी पार्टी,चूँकि प्रबल बहुमत में होने और उगता सूरज होने से उसका आकर्षण होना स्वाभाविक हो रहा है। दल का लक्ष्य है पूरे…

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केदारनाथ सिंह की काव्य संवेदना-विविध पक्ष

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ केदारनाथ सिंह के काव्य में पर्यावरणीय चिंता, प्रकृति और जीवन के उल्लास का अहसास तो है ही,हिंदी काव्य धारा में गीतकार के रूप में कवि जीवन…

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राष्ट्रपति जी का न्याय की भाषा पर बड़ा बयान,अदालतों में अंग्रेजी की गुलामी

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत की न्याय-प्रणाली के बारे में ऐसी बातें कह दी हैं, जो आज तक किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने नहीं कही। जबलपुर(मप्र) में…

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