लोकतंत्र को कैसे मिले नेतातंत्र से मुक्ति
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* हमारे ७२ वें गणतंत्र दिवस पर हम ज़रा गहरे उतरें और सोचें कि हमारे गणतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती क्या है ? क्या यह नहीं कि वह…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* हमारे ७२ वें गणतंत्र दिवस पर हम ज़रा गहरे उतरें और सोचें कि हमारे गणतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती क्या है ? क्या यह नहीं कि वह…
डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. हमारे देश के सामान्य नागरिक गणतन्त्र शब्द का अर्थ तक नहीं जानते,कुछ इसकी अहमियत भी नहीं समझते,तो आखिर एक नागरिक होने के…
योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. दिवस हीरक यह गणतंत्र,देता स्वशासन का मूल-मंत्र;दिलाता हमें अहर्निश याद कि-हम हुए सैंतालीस में स्वतंत्र! मिला जब तिरंगा को सम्मान,हुआ…
डॉ. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)************************************* हिन्दी के योद्धा:जन्मदिन पराक्रम दिवस विशेष..... ओडिशा के कटक में २३ जनवरी १८९७ को जन्मे,कटक और कलकत्ता में पले-बढ़े,पिता की इच्छापूर्ति के लिए मात्र २३ वर्ष…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) *************************************** संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रपट में कहा गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों में १.८० करोड़ भारतीय प्रवास कर रहे हैं। इनकी संख्या २ करोड़…
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** हमारा कर्त्तव्य जहां एक ओर हमारी सबसे बड़ी ताकत होता है,वहीं वह हमारे कष्टों का कारण बनता है। राष्ट्रीय कर्त्तव्यपूर्ति हेतु अनेक वीर…
माननीय नरेन्द्र मोदी जी विषय: भारतीय भाषाओं,विशेषकर हिन्दी पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान देने का आग्रह। (यह पत्र प्रधानमंत्री भारत सरकार के स्थान पर आपको सम्बोधित करने के पीछे विशेष…
ललित गर्गदिल्ली ************************************** भारत का सड़क यातायात तमाम विकास की उपलब्धियों एवं प्रयत्नों के असुरक्षित एवं जानलेवा बना हुआ है,सुविधा की खूनी एवं हादसे की सड़कें नित-नई त्रासदियों की गवाह…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************ आत्मा कब और कहाँ किस कारण से किस उद्देश्य हेतु किस योनि में जन्म लेगी,यह निर्धारण कर्मफ़ल,ऋणानुबंध,श्राप,आशीर्वाद,मोह इत्यादि कई बिंदुओं पर निर्भर करता है।जो सशक्त आत्मा होती…
डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ बसंत ऋतु में प्रकृति नया श्रृंगार करती है। खेतों में झूम उठते हैं सरसों के फूल,किसानों के चेहरे भी खुशी से चमक उठते हैं। आम के पेड़ों…