कोरोना से बढ़ी योग की स्वीकार्यता

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************************* अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस २१ जून विशेष भारतीय योग एवं ध्यान के माध्यम से भारत दुनिया में गुरु का दर्जा एवं एक अनूठी पहचान हासिल करने में सफल…

Comments Off on कोरोना से बढ़ी योग की स्वीकार्यता

सामूहिक प्रतिरोधकता के भरोसे तो पूरा भारत कोरोनामय हो जाएगा

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ********************************************************** भारत में जैसे-जैसे कोरोना का प्रसार तेज हो रहा है,तो सामूहिक प्रतिरोधकता(हर्ड इम्यूनिटी) को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। यानी अगर लगभग ७०-९० फीसद लोगों में…

Comments Off on सामूहिक प्रतिरोधकता के भरोसे तो पूरा भारत कोरोनामय हो जाएगा

मैं मज़दूर बोल रहा हूँ…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** आज चारों ओर मेरे ही नाम का शोर है,मेरे प्रति शाब्दिक संवेदनशीलता सोशल मीडिया पर गूँज रही है,सिर्फ मोबाइल की काला पर्दा ही नहीं,आपके घरों दीवारों…

Comments Off on मैं मज़दूर बोल रहा हूँ…

विकास का आधार स्तंभ प्रवासी श्रमिकों का पलायन

रचना सिंह ‘रश्मि’ आगरा(उत्तरप्रदेश)************************************************************ 'कोरोना' का कहर पूरे विश्व में छाया है, जिसके फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने सम्पूर्ण भारत में तालाबंदी की,जिससें पूरा देश थम गया है।…

Comments Off on विकास का आधार स्तंभ प्रवासी श्रमिकों का पलायन

कोरोना:जीना-मरना,दोनों मुहाल

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** 'कोरोना' का संकट भी क्या गजब का संकट है। इसने लोगों का जीना और मरना,दोनों मुहाल कर दिए हैं। दुनिया के दूसरे मुल्कों के मुकाबले भारत में…

Comments Off on कोरोना:जीना-मरना,दोनों मुहाल

कोरोना:यही समय हिंदी के बढ़ावे का

डॉ. ओम विकास******************************************** 'कोरोना' काल में मीडिया में सबसे अधिक हिन्दी का प्रयोग हुआ है। शिक्षा,परीक्षा, प्रतियोगिता और विज्ञान-प्रौद्योगिकी,सेमिनार -वेबिनार में हिन्दी के प्रयोग पर बल दिया जाए। आँकड़े निकालिए…

Comments Off on कोरोना:यही समय हिंदी के बढ़ावे का

वरिष्ठों की त्रासदी-कैसे उबरें!

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* 'वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।तथा शरीराणि विहाय जीर्णा- न्यन्यानि संयाति नवानि देही॥ भावार्थ-जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर दूसरे नए वस्त्रों…

Comments Off on वरिष्ठों की त्रासदी-कैसे उबरें!

श्रुतिमधुर शब्दोंके चितेरे महाकवि कालिदास

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)************************************************************ जयतु: महाकवि कालिदास।सुदीर्घकाल से निरंतर परिश्रम करते हुए चयन किए गए सुंदर,श्रुतिमधुर एवं अर्थवाहक शब्दों का जाल बुनकर साहित्य को रचित या सृजित किया जाता है।…

Comments Off on श्रुतिमधुर शब्दोंके चितेरे महाकवि कालिदास

किसी छलावे में न आएं

मुद्दा:भारत को भारत कहो, इण्डिया नहीं-कुछ विचार व सुझाव अरुणी त्रिवेदी- आज से लगभग ११००० वर्ष पूर्व ऋषभदेव पुत्र भरत हुए थे। उनका दूसरा नाम बाहुबली भी था। आज भी…

1 Comment

राष्ट्र विरोधी मानसिकता त्याग लोकतंत्र की चतुर्थ आँख बनना चाहिए

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** सोशल मीडिया अर्थात् सामाजिक प्रसार तंत्र या यूँ कहें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की चौथी आँख। संचेतना संवेदना का अनवरत सजग सचेत अनवरत…

Comments Off on राष्ट्र विरोधी मानसिकता त्याग लोकतंत्र की चतुर्थ आँख बनना चाहिए