विधि का विधान

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** विधि का चलता यहाँ विधाना।दृश्य अदृश्य विधान महाना॥ कण-कण जग का विधि संचालित।सारा जग विधि पर आधारित॥ सब निमित्त हैं विधि कर्त्ता हैं।विधि सारे जग के…

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दुर्गा माँ ले अवतार

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** नव दिन का शुभ पल है आया। दीया मैंने आज जलाया।माँ कब तक तू राज करेगी। नारी कितनी दर्द सहेगी॥ दुर्गा माता ले अवतारी। धरती में…

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मन में राम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** मन में राम बसा लो मानव।जीवन धन्य बना लो मानव॥कट जाएँगे पातक भारी।राम सुमिर लो हे संसारी॥ अवध बिहारी दशरथ नंदन।कर लो भक्तों शत् शत्…

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मेरा सुंदर गाँव निराला

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरा सुंदर गाँव निराला। हर्षित मन को करने वाला।शुद्ध हवा जो निसदिन आये। तन-मन को सब शुद्ध बनाये॥ पंक्षी मधुरिम गीत सुनाते। चीं-चीं करके हृदय लुभाते।निर्मल…

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कजरी सब गाते हैं

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** सावन सुन्दर मौसम आया।हर्षित मन सब है मुस्काया॥पेड़ों पर झूले हैं लगते।पिया मिलन को विरहिन सजते॥ लगती प्रेम झड़ी अँखियन में।खुशियाँ उमड़ रही सखियन में॥मिलकर…

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ग्रीष्म ऋतु

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** तेज धूप की अद्भुत माया। सूर्य आग गोला बरसाया॥ जीव जन्तु सब व्याकुल होते। नीर बिना मानव हैं रोते॥ नदी ताल सब सूख…

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नारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नारी रत्न अमूल्य धरा पर। ईश्वर रूप सकल सचराचर॥ राम कृष्ण जन्माने वाली। सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली॥ बेटी बहिन मात अरु दारा। हर प्रतिरूप मनुज…

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नया समाज

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** जब जब नव विचार आता है। तभी समाज अभय गाता है ॥ नव जीवन उमंग जब भरते। नए विचार समाज विरचते॥ भाव विचार यथा मन…

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धरा-चालीसा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दोहा- धरा धर्म हित कर्म कर,जीवन मनुज सुधार। संरक्षण भू का किए,भव जीवन आधारll चौपाई- प्रथम नमन करता हे गजमुख। वीणापाणी शारद मम सुखll गुरु पद…

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श्रीकृष्ण चालीसा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दोहा- गुरु चरणों में है नमन,वंदन श्री भगवान। शारद माँ रखना कृपा,करूँ कृष्ण गुणगान॥ चौपाई- कृष्ण अष्टमी भादौ मासे। प्राकृत जीव वन्य मनु हासे॥ जन्मत मिटे…

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