नववर्ष
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* (रचनाशिल्प:सप्ताक्षरवृत्ति-गण-न न ग (१११-१११-२) नवल बरस है।सुखद सरस हैllखगकुल चहके।उपवन महकेll हर जन खुश हो।सब कुछ शुभ होllजग सम रस हो।सब इक सम होll नवरस बरसे।सुख बन सरसेllनव किरण खिले।नव लय निकलेll दु:ख गम कम हो।सब मन सम होllमत अलग न हो।जन विलग न होll नव कलरव हो।नवल विभव होllनव कुसुम … Read more