नववर्ष

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* (रचनाशिल्प:सप्ताक्षरवृत्ति-गण-न न ग (१११-१११-२) नवल बरस है।सुखद सरस हैllखगकुल चहके।उपवन महकेll हर जन खुश हो।सब कुछ शुभ होllजग सम रस हो।सब इक सम होll नवरस बरसे।सुख बन सरसेllनव किरण खिले।नव लय निकलेll दु:ख गम कम हो।सब मन सम होllमत अलग न हो।जन विलग न होll नव कलरव हो।नवल विभव होllनव कुसुम … Read more

लोकतंत्र के लाड़ले कवि अटल बिहारी

कन्हैया साहू ‘अमित’भाटापारा (छत्तीसगढ़)*********************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. लोकतंत्र के लसित लाड़ले,कविवर अटल बिहारी।राजनीति का सफल सिपाही,जन-जन हैं आभारीll कृष्ण बिहारी के घर जन्में,कोख मातु श्री कृष्णा।भूमि ग्वालियर पर जब आये,बिसरा जग की तृष्णाllसिद्धहस्त कविराज पिताजी,रहे एक अध्यापक।मिला सृजन का गुण वंशागत,जनक काव्य संस्थापकll‘विजय पताका’ पढ़कर तब तो,अटल हुए अनुहारी।लोकतंत्र के … Read more

सर्वप्रिय श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. रचनाशिल्प:२२ मात्रा,१२-१० पर यति,चार चरण,२-२ चरण समतुकांत। रचते रचना महान,शब्द के पुजारी।गढ़ते स्वच्छंद पंक्ति,शुद्ध मन विचारीllकर्म-धर्म-मर्म ज्ञान,शब्द सार भारी।राष्ट्रप्रेम भाव हृदय,शब्द अर्थ धारीll प्रखर वक्ता देशभक्त,विमल हृदय धारी।प्रेम पूर्ण शुद्ध भाव,मन अटल बिहारीllमहानेता प्रखर कवि,सत्य वचन पालक।जन-मन में बसे अटल,राष्ट्र प्रजापालकll देश के … Read more

युग दृष्टा थे अटल बिहारी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. युग दृष्टा थे अटल बिहारी,उन्नति पथ गढ़ने वाले।देश भक्ति की अविरल धारा,थे उसमें बहने वाले॥ सरल वाजपेयी की कविता,दिल को दहला देते थे।मानवता के रक्षक वो तो,अरि से लोहा लेते थे॥खड़ा हिमालय जैसी छाती,साहस से लड़ने वाले।देश भक्ति की अविरल धारा… जब … Read more

‘अटल’ कविताएँ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. अटल बिहारी नाम,देश के सच्चे नेता।अनुपम सारे कर्म,जगत के श्रेष्ठ प्रणेता।कवि कहलाते श्रेष्ठ,सृजन अनुपम लिख छोड़ा।जनहित अरु उत्थान,प्रेम से सबको जोड़ा।शब्द-शब्द में जोश है,कविता सब अनमोल है।सत्य पथिक बनकर चलें,सुंदर उनके बोल हैll देशभक्ति का भाव,सृजन में उनके बसता।उनकी थी बस चाह,देश में … Read more

प्रभु…

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* बीच मझदार में ही,फंसी हुई मेरी नाव,मुझको उबारने को,प्रभु पतवार दो। अपना मैं जोड़ हाथ,पूजूं दिन-रात नाथ,रुक्मणि बना के आप,मुझे उपहार दो। आपके सहारे यह,जीवन जियूँगी अब,दासी ही समझ निज,प्रेम का ही हार दो। आपके ही सपनों में,खोई-खोई ही रहूं मैं,प्यार का बहार दे के,मुझमें निखार दो। परिचय-शिखा सिंह का साहित्यिक … Read more

शारद माँ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** करूँ वंदना शारद माँ की,करती हूँ यह आस। नेक सृजन का पथ हो माता,भर दो नव विश्वास। जनहित का उद्धार करें हम,सृजन गढ़ें अनमोल। शब्द-शब्द में सार समाये,मन जाए नित डोल। हृदय भाव की अभिव्यक्ति से,फैले नित्य उजास। करूँ वंदना शारद माँ की,करती हूँ यह आस॥ लेखन में भाईचारा हो,प्रेम भाव … Read more

हम सब नमन करेंगे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ भारत माता के चरणों में,हम सब नमन करेंगे।आओ मिलकर आज सभी इसका गुणगान करेंगे॥ शीश मुकुट धर वीर धरा ने,हमको आज पुकारा।हिमगिरि की चोटी से हमने,दुश्मन को ललकारा॥आओ वीर जवानों सीमा,पर तुम सीना ताने।भारत वीर-जवानों की,ताकत दुश्मन ना जाने॥ऊँचा रहे तिरंगा इसकी,जय-जयकार करेंगे।आओ मिलकर आज सभी इसका गुणगान करेंगे…॥ आतंकी घुसपैठी … Read more

हिंदी है अभिमान देश का

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** हिंदी है अभिमान देश का,विश्व करे सम्मान।हिंदी लेखन मान बढ़ाता,हृदय भाव की शान॥ हिंदी है आवाज हृदय की,सृजन भाव आधार।हिंदी लेखन श्रेष्ठ जगत में,करे सदा उद्धार॥ हिंदी भाषा यही सिखाती,रखें प्रेम का भाव।बाँटें शिक्षा हिंदी में हम,कभी न हो अलगाव॥ हिंदी से हम ज्ञानी बनते,करते नित्य विकास।नेक भाव से हिंदी सीखें,भरे … Read more

बाबा साहब का संघर्ष

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** ज्ञानी सबसे बढ़कर बाबा,पढ़ लिख जाओ सिखलाया।स्वयं अकेला कठिन राह पर,चलकर हमको दिखलाया॥ भेदभाव को सभी मिटा के,संविधान लिख छोड़ा है।सकल जगत में मान देख लो,जात-पात सब तोड़ा है।स्वाभिमान के खातिर लड़ना, हक को अपने बतलाया।स्वयं अकेला कठिन राह पर,चलकर हमको दिखलाया॥ शिक्षा का नव अलख जगा के,किया देश में उजियारा।छूआछूत … Read more