मेरा सुंदर गाँव निराला

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरा सुंदर गाँव निराला। हर्षित मन को करने वाला।शुद्ध हवा जो निसदिन आये। तन-मन को सब शुद्ध बनाये॥ पंक्षी मधुरिम गीत सुनाते। चीं-चीं करके हृदय लुभाते।निर्मल…

Comments Off on मेरा सुंदर गाँव निराला

आशाओं के पंख

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:१६/१४) मन पंछी का रूप बनाकर,चूँ-चूँ-चूँ गाना गाऊँ।आशाओं के पंख लगाकर,आसमान उड़ता जाऊँ॥ उड़-उड़ सारे ब्रम्हांडों की,सैर सभी कर आऊँगा।मन की इच्छा पूरी होगी,तन…

Comments Off on आशाओं के पंख

बाबा बुला रहे हैं

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** आया सावन महिना भक्तों,जपो प्रेम से शिव का नाम।बाबा बुला रहे हैं देखो,काँवरिया को अपने धाम॥ रिमझिम-रिमझिम पानी बरसे,भक्त लगाये जय-जयकार।भक्तों की टोली हैं निकली,सुन…

Comments Off on बाबा बुला रहे हैं

विद्यालय जरूरी

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** जिंदगी संवारने को,विद्यालय जरूरी है,डिजिटल शिक्षा बीज,लोगों मत बोइये।खेलकूद राजनीति,संगठन कहाँ वहां,सर्वांगीण उन्नति से हाथ मत धोइयेllपाठशाला यज्ञशाला,भूल ना जाइये इसे,जिंदगी से आप कभी,ना…

Comments Off on विद्यालय जरूरी

भारत के सच्चे सेनानी

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** भारत के सच्चे सेनानी,सबका मान बढ़ाते हैं,रण पर कुर्बानी से अपने,झण्डा वो फहराते हैं। हैं शहीद कितने भारत में,कितना रक्त बहाया है,हिंदुस्तान की शान-बान में,मर कर…

Comments Off on भारत के सच्चे सेनानी

कजरी सब गाते हैं

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** सावन सुन्दर मौसम आया।हर्षित मन सब है मुस्काया॥पेड़ों पर झूले हैं लगते।पिया मिलन को विरहिन सजते॥ लगती प्रेम झड़ी अँखियन में।खुशियाँ उमड़ रही सखियन में॥मिलकर…

Comments Off on कजरी सब गाते हैं

वृक्ष लगाओ

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** (रचना शिल्प:८+८+६=२२ चरणांत-१ १ २) वृक्ष लगाओ,हरी भरी हो,ये वसुधा।नीर बचाओ,निर्बाध बहे,ये सरिता॥चिड़िया बोले,डाली डाली,पिक चहके।लदे हुए हों,वृक्ष फूल फल,से लहके॥ होय नीर सरिता में निर्मल,पवन…

Comments Off on वृक्ष लगाओ

ज्ञान को बढ़ाएं सब

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** ज्ञान को बढ़ाएं सब,घर में ही बैठे-बैठे,ऐसी कोई राह मिल,बैठ के बनाइये।विद्यालय जाए बिना,पाठ पढ़-पढ़ कर,इम्तिहान पास कर,सबको दिखाइये॥आजकल मोबाइल,कम्प्यूटर का है युग,नेट चला…

Comments Off on ज्ञान को बढ़ाएं सब

कर गुज़र जाना है

क्षितिज जैनजयपुर(राजस्थान)********************************************************** मनोवांछित सिद्धि किसको है,मिली कभी मनुहारों से ?जीवन संग्राम गया जीता,कब मन के सुकुमारों से ? आती हुई आपदा को जो, सीना ठोक दिखाते हैं,बनकर ओझल निर्भीक हुए,क्रूर…

Comments Off on कर गुज़र जाना है

बरखा रानी आई है

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** गड़-गड़ गरजे आसमान से,घोर घटा भी छाई है।छम-छम करती हँसती-गाती,बरखा रानी आई हैllझूम उठी है धरती सारी,पौधे सब मुस्काये हैं।चहक उठी है चिड़िया रानी,भौंरा गाना…

Comments Off on बरखा रानी आई है