जीवन
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** जोड़े से फिर ना जुड़े , मत तोड़ो विश्वास। टूटे तो यह आप भी, तोड़े जीवन आस॥ मधुर बोल हँसते सुमन, कटु है सूखी काठ। मधुर बोल से नेह हो, कटु से लगती गाँठ॥ कल का जीना कुछ नहीं, कल का जीना खाक। जीना तो है आज का, जो है … Read more