गुरु:मिले उसे सम्मान

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’टीकमगढ़(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* आज दिवस गुरु पूर्णिमा,मना रहे हम-आप।इष्ट मंत्र का नित्य ही,करिये मन से जाप॥ गुरु की जो सेवा करे,मिले उसे सम्मान।गुरु की ही आशीष से,बनता शिष्य महान॥ गुरु सदैव ही बांटता,निज सुगंध ज्यों फूल।उनके ही सद् ज्ञान से,मिट जाते जग-शूल॥ परिचय-राजीव नामदेव का उपनाम ‘राना लिधौरी’ हैl जन्म तारीख १५ जून १९७२ … Read more

हे कृपानिधान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** भव बाधा सब दूर हो,जीवन आठों याम।सद्गुरु दीन दयाल हे,शत्-शत् करूँ प्रणाम॥ भक्ति ज्ञान दो नाथ जी,पूजन सुबहो शाम।करूँ अराधन आपकी,हे मेरे श्री राम॥ भवबंधन सब दूर हो,हे प्रभु कृपा निधान।चरण शरण अब राखिए,मैं निर्बल नादान॥ मन को जागृत कीजिये,मन में शक्ति अपार।मन से ही ज्ञानी बने,जीत चलो संसार॥ कृति … Read more

अरुणिम मुख मुस्कान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** खुशियों की पहचान वह,अधरों पर मुस्कान।जीवन जीने की कला,मानक नित सम्मानll सहयोगी संघर्ष की,साहस देती मुस्कान।स्वीकृति की नित मापिका,नव जीवन आधानll समरसता नित सूचिका,मौन मन्द मुस्कान।निशिचन्द्र की चाँदनी,सुखदा जीवन दानll राहत चाहत जिंदगी,सुख-दु:ख का प्रतिमान।सरला सहजा हर दशा,आलोकित मुस्कान॥ समाधान हर आपदा,शत्रुञ्जय ब्रह्मास्त्र।प्रीति रीति अस्मित अधर,दुर्जय है यह शस्त्र॥ … Read more

ज्ञान मिले तो जग मिले

कृष्ण कुमार कश्यपगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** जग में शिक्षा की सदा,होती जय-जयकार।कर्म धर्म धन है यही,है जीवन का सार॥ यह धन जग में है बड़ा,दूजा क्या अनमोल।ज्ञान कभी बिकता नहीं,आँखें अब तो खोल॥ गीता की वाणी यहाँ,इसमें चारों धाम।ज्ञान मिले मिल जाय सब,सोच-समझ कर काम॥ लूट सको तो लूट लो,जहाँ ज्ञान की खान।ज्ञानवान बनना तुम्हें,तो कर … Read more

आतंकित होने लगे दुश्मन

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** पुलकित मन अब तो हुआ,पावस की मधु मास।हर्षित मेरा प्यार है,मिलने की बस आस॥ आज सशंकित मैं हुआ,बादल गरजे जोर।बिजली चमचम है करे,बारिश भी चहुँओर॥ आतंकित होने लगे,दुश्मन सीमा पार।लड़ने को आतुर हुए,सारा हिन्दुस्तान॥ विज्ञ बनो हे साथियों,अनपढ़ से क्या काम।होते हैं जग में सुखी,होय नहीं बदनाम॥ रहना मत अनभिज्ञ … Read more

मनमोहक अदा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************* आँखों का ये सुरमा,कजरा तिरछा नैन।मुक्तदन्त अंगुली दबा,कामुक हरती चैन॥ मंद-मंद अस्मित अधर,गोरी नैन विशाल।चपला मधुमित कामिनी,देख रही रतिभान॥ प्रमुदित होती दिलकशी,साजन प्रति अनुराग।मौन बयां करती कशिश,दिल में जलती आग॥ जुल्फें लटकी भाल पर,बीच नैन सिन्दूर।सहज सरल बस देखती,प्रियतम को वश दूर॥ संजीवन बन इश्क में,प्रिय नटवर अभिराम।तनिक लज़ाती … Read more

वसुंधरा

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************************** वसुंधरा को वंदना,आओ कर लें रोज।चाहे हम रहते कहीं,लेगी माता खोजll पंच तत्व में एक है,भूमि तत्व भी जान।मिट्टी से तन है बना,पंचरतन इंसानll भूमि भवन भव भव्य हैं,सबमें माँ को जान।उसकी कृपा असीम है,माँ महिमा पहचानll उन्नत कर कृषि भूमि को,करो उर्वरा दान।फसल उपज हो श्रेष्ठता,मिले अन्न वरदानll वसुंधरा के गोद में,पले … Read more

उजास मन

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मानव हृदय उजास रख,कर लें सुंदर काम।नेक कर्म औ भाव से,मिलता जग में नामll बुरे कृत्य को छोड़ कर,लाएँ सुंदर भाव।मानवता की राह पर,कभी न हो ठहरावll पुलकित मन सबका करें,भर दें नव उल्लास।भारत का हर नागरिक,धरें आप विश्वासll नित्य उजाला ज्ञान का,जन-जन में संचार।मृदु वाणी सुंदर रहे,सुंदर हो व्यवहारll द्वेष … Read more

बदला लो बस चीन से

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** करता हूँ प्रातःनमन,सूर्योदय अरुणाभ।रोगमुक्त मानव जगत,भू श्यामल नीलाभll सादर दूँ श्रद्धा सुमन,शौर्यवीर बलिदान।प्राणों को अर्पित किया,भारत माँ सम्मानll नमन करूँ माँ कोख को,जना महान् सपूत।अर्पित जीवन भारती,अमर विजय अवधूतll नमन पिता सौभाग्य को,कुलदीपक पा धन्य।शीश चढ़ाया जो वतन,शत्रुंजय पा पुण्यll धन्य आज माँ भारती,पायी पूत सुपात्र।हवनकुण्ड आहूत दे,जिया धर्म … Read more

पावस

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** पावस-पावस मौसम आ गया,देखो सुन्दर आज।कृषक वर्ग करने लगे,खेतों में अब काज॥ मानसून-मानसून मौसम सुखद,ठंडी चले बयार।मन हर्षित होने लगा,पा कर तेरा प्यार॥ वारिद-वारिद घिरने हैं लगे,देखो अब बरसात।सुन्दर पड़े फुहार की,मिली हमें सौगात॥ पछुआ-चली पवन पछुआ यहाँ,बनकर आँधी रूप।घोर तबाही है मची,भरे नदी अरु कूप॥ कृषक-कृषक हुआ खुश आप … Read more