जीव
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** हरि को जो भजता नहीं, जग में है नादान। जैसे लाखों जीव हैं, उसका वैसा मान॥ सब जीवों पर नेह हो, सभी जीव अनमोल। ऐक बिना होता नहीं, दूजे का भी मोल॥ देवों ने निर्मित किये, सकल जगत के जीव। जिसने ये जाना नहीं, उर उसका निर्जीव॥ सब जीवों में … Read more