जीव

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** हरि को जो भजता नहीं, जग में है नादान। जैसे लाखों जीव हैं, उसका वैसा मान॥ सब जीवों पर नेह हो, सभी जीव अनमोल। ऐक बिना होता नहीं, दूजे का भी मोल॥ देवों ने निर्मित किये, सकल जगत के जीव। जिसने ये जाना नहीं, उर उसका निर्जीव॥ सब जीवों में … Read more

चलें करें मतदान हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मनचाही खुशियों भरा,खिले कुसुम मुस्कान। महापर्व जनतंत्र यह,सभी करें मतदानll मत केवल अधिकार नहीं,देना भी कर्तव्य। करें सबल जनतंत्र को,संविधान ध्यातव्यll देशभक्ति पर्याय यह,समझें निज मतदान। निर्माता सरकार का,दें अपना अवदान॥ सोच समझ मतदान निज,प्रतिनिधि करें चुनाव। अवसर निज अधिकार का,बिना किसी दुर्भावll धीर-वीर प्रेमी वतन,हो उदार इन्सान। … Read more

तजो घृणा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** भिन्न-भिन्न मति चिन्तना,मृगतृष्णा आलाप। मँहगाई फुफकारती,सुने कौन आलापll मिले हुए सब लालची,फैलाते उन्माद। लड़ा रहे कौमी प्रजा,तुले देश बर्बादll बीजारोपण नफ़रती,करे अमन का नाश। मार धार तकरार बस,फँसे स्वार्थ के पाशll मानवता नैतिक प्रथम,जन्में हैं जिस देश। राजधर्म सबसे अहम,शान्ति प्रेम संदेशll लानत है उस धर्म को,धिक्कारें उस … Read more

हो गया समझदार गणतंत्र

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************** सफल नहीं होगा यहाँ,अब कोई षडयंत्र। धीरे-धीरे हो गया,समझदार गणतंत्र॥ जिनके दिल में है नहीं,ज़र्रा भर भी प्यार। नफरत से जुड़ते सदा,उनके देखो तार॥ देश भक्ति का फूंकता,सबमें अदभुत मंत्र। इकहत्तर का हो गया,अपना ये गणतंत्र॥ साठ महीने तक मिला,जिसको सतत अभाव। उसको अब फुसला रहे,देख करीब … Read more

शंका

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** शंका का वातावरण,फैल रहा संदेह। मन भी अपना ना रहा,ना ही अपनी देहll हर इक बेग़ाना लगे,टूट रही है आस। नहीं शेष अब है रहा,किंचित भी विश्वासll सभी ओर तो है कपट,हँसता है नित झूठ। पेड़ सभी मुरझा गये,खड़ा हुआ बस ठूंठll अंधकार का दौर है,रोता है आलोक। हर्ष … Read more

मातु शारदे दीजिए वरदान

रमेश शर्मा मुम्बई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** मातु शारदे दीजिए,यही एक वरदानl दोहों पर मेरे करे,जग सारा अभिमानll मातु शारदे को सुमिर,दोहे रचूँ अनंतl जीवन में साहित्य का,छाया रहे बसंतll सरस्वती से हो गया,तब से रिश्ता खासl बुरे वक्त में जब घिरा,लक्ष्मी रही न पासll आई है ऋतु प्रेम की,आया है ऋतुराजl बन बैठी है नायिका,सजधज कुदरत आजll … Read more

गणतंत्र दिवस

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** पावन गाथा शौर्य का,कुर्बानी सत्नाम। आज़ादी माँ भारती,लोकतंत्र अभिराम॥ वर्षों की नित साधना,सहे ब्रिटानी घात। कोटि-कोटि बलिदान दे,पा स्वतंत्र सौगात॥ लुटीं अस्मिता इज़्ज़तें,ब्रिटानी अत्याचार। तन मन धन अर्पित वतन,पराधीन उद्धार॥ सही यातना कालिमा,मीसा त्रासद जेल। तहस-नहस संवेदना,दानवता का खेल॥ खाये डंडे गोलियाँ,शैतानी परतंत्र। जलियाँवाला त्रास भी,तभी मिला गणतंत्र॥ … Read more

भारत की शान है

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… चूम लिया इस भूमि को,दे दी अपनी जान। उनको मेरा है नमन,उनसे देश महान॥ उन वीरों को नमन है,वो भारत की शान। देश धरा पर मिट गये,रखा देश का मान॥ ये भारत गणतंत्र है,मिला एक संविधान। हम सबका अधिकार है,हो सबका सम्मान॥ ये भारत की शान है,भारत … Read more

सुभाष:भारत माँ का लाड़ला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** सदा अथक संघर्ष ने,माँ भारत के त्राण। आत्मबल विश्वास दे,कर सुभाष निर्माणll भारत माँ का लाड़ला,महावीर सम पार्थ। मेधावी था अतिप्रखर,दानवीर परमार्थll मेरूदंड स्वाधीनता,महाक्रान्ति संघर्ष। कर तन मन अर्पण वतन,तज शासन उत्कर्षll बँधी गुलामी पाश में,भारत माँ अवसाद। देखी सुभाष जन यातना,गोरों का उन्मादll आ उबाल रग खून … Read more

समय क़ीमती है बहुत

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************** अवसर खोता है अगर,रहता है नाकाम। चाहे जितना हो प्रखर,पड़ा रहे गुमनाम॥ सत्य अहिंसा पर टिके,उनके सारे काम। सच्चा-पक्का आज भी,गाँधी का पैगाम॥ समय क़ीमती है बहुत,रखना उसका मान। कार्य करो सब समय पर,पाना गर सम्मान॥ आज आमने-सामने,अमरीका ईरान। संकट में जिससे फँसी,हम सबकी भी जान॥ हिंदी … Read more