इतना बड़ा झूठ

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** माता-पिता ने बेटी महक की शादी शरीफ़ से करने का फैसला कर लिया, परन्तु परीक्षा निकट होने के कारण विवाह तिथि तय नहीं हो सकी।अचानक एक दिन महक की सोशल मीडिया पर शौर्य से मुलाकात हुई। धीरे-धीरे घनिष्टता ने प्यार की शाल ओढ़ ली। दोनों घंटों परस्पर प्यार में डूबे रहते। शौर्य … Read more

सावन सोमवार

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** “माँ,माँ…” १८ वर्षीया बेटी रिया दौड़ती हुई आई और बोली- “ये श्रावण मास के सोमवार का इतना महत्व क्यों है ? मैंने देखा कि भीड़ की भीड़ मन्दिर जा रही थी। लोग शिव जी पर जल और दूध चढ़ा रहे थे। बिल्व पत्र, बेल और धतूरा भी। मन्दिर के बाहर ही छोटी … Read more

क्यों करते हैं लोग ?

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** क्यों करते हैं लोग,हिंदू-मुस्लिम…क्यों दंगा फैलाते हैं,बेवजह शहरों कोअंगारों से जलाते हैं। सूरज का कोई धर्म नहीं,चंदा को भी भ्रम नहींतारे नहीं जात बताते,सबके हित में टिमटिमातेसमन्दर का भी ताल्लुक नहीं,किसी धर्म सेसबको प्रेम है अपने-अपने,नेक कर्म सेना ही वृक्ष पक्षपात हैं करते,सबको शीतल छाँव देते। फिर क्यों लोगों ने ?साम्प्रदायिकता का,ज़हर … Read more

चुन्नू की अच्छी सोच

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** एक बार चुन्नू पड़ोसी के घर में रखे दहेज के सामान को देख रहा था।;फ्रीज, कूलर, कुर्सी, टेबल, सोफ़ा सेट, अलमारी सभी सामान अभी बाहर ही रखे थे।पड़ोसी ने प्यार से चुन्नू को अपने पास बुलाया और कहा,-“बैठोगे सोफे पर, आओ बैठो। जानते हो ये सब सामान मुझे कहाँ से मिला है … Read more

त्याग

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** धनीराम के २ बेटे थे। बड़े बेटे का नाम सोहन तथा छोटे बेटे का नाम मोहन था। सोहन सांवले रंग का था तथा दिमाग से थोड़ा पैदल भी था। पढ़ाई-लिखाई में उसका बिल्कुल भी मन नहीं लगता था, इसलिए धनीराम ने उसे खेती के काम में लगा दिया। मोहन बहुत ही सुन्दर … Read more

गणेश विसर्जन

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** गली में जोर-शोर से गणपति विसर्जन की तैयारी हो रही थी। ढोल बज रहे थे। रथ में शोभित गणपति जी की प्रतिमा और पीछे पुरुष-स्त्री व बच्चों की फौज। बच्चे उल्लसित होकर जयकारा बोल रहे थे-‘गणपति बप्पा मोरया,अगले बरस तू जल्दी आबप्पा मोरया रे,बप्पा मोरया रे।’बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। … Read more

उसके तो ४-४ है…

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* एक दिन हमेशा की तरह दोस्त के साथ हमारे आफिस के बगलवाली चाय-समोसे की दुकान पर खड़ा होकर चाय और समोसे का आर्डर दे ही रहा था कि वो आ गई। न जाने कैसे उसे पता चलता है कि, हम वहाँ चाय पीने आते हैं…। उसका वही अंदाज, मैले-कुचैले कपड़ों में … Read more

बोतल का जिन्न

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* शाम के समय सभी बुजुर्ग महिलाएं सोसायटी के बगीचे में लगी लम्बी बैंच पर बैठ जाती हैं। कुछ गपशप करती हैं, कुछ रसोई टिप्स बताती हैं, कुछ टी.वी. नाटक पर चर्चा करती हैं। तबियत खराब होने के कारण मैं काफी दिनों बाद आई तो अलाउद्दीन के चिराग की बात चल निकली। किसी … Read more

भीष्म प्रतिज्ञा

माया मालवेंद्र बदेकाउज्जैन (मध्यप्रदेश)********************************* सुंदर सलोनी सरल सुशीला धीरे-धीरे बड़ी हो रही थी। बचपन से उसके मन में देशभक्ति, देशप्रेम कूट- कूट कर भरा था। उसने हमेशा अपने बुजुर्गों से वीरों और वीरांगनाओं की गाथाएं सुनी थी, जो उसके मन में रच बस गई थी। उम्र के साथ उसने अपने सपने में जोड़ लिया था, … Read more

परिदृश्य

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ विशाखा ऑफिस के कार्य में व्यस्त थी। इस समय उसे एक बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य करना था। वह उसी प्रोजेक्ट कमेटी की हेड थी।विशाखा हर कार्य बड़ी निपुणता से कर रही थी, ‘क्योंकि उसे हमेशा व्यवस्थित कार्य पसन्द था।उसके कार्य से उसके बॉस बहुत खुश थे, लेकिन ऑफिस के कुछ पुराने … Read more