अपना-पराया

श्रीमती चांदनी अग्रवालदिल्ली***************************** हम सबने परिवारों की बातचीत में अक्सर सुना है कि अपना तो अपना ही होता है। पराया अपना नहीं हो सकता। मुझे तो ऐसा लगता है कि जिस व्यक्ति से हमारा मन मिल जाता है,वह अपना-सा लगने लगता है। दूसरी ओर कोई अपना निकट का होकर भी पराया लगता है।अभी पिछले महीने … Read more

सुखद अनुभव

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) ***************************************** ‘कोरोना’ महामारी की वजह से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। अधिकांश लोग बेरोजगार हो गए हैं,मैं भी इसी श्रेणी में हूँ। मैं अपने गाँव में परिवार और मित्रों के साथ जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। एक दिन की बात है। घर बैठे-बैठे ऊब रहा था तो सोचा कि चलो खेतों … Read more

बचपन

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** हुआ यूँ कि रोज की तरह आज भी मैं डयूटी जाने के लिए अपनी बाईक से घर से निकला। जैसे ही मुख्य सड़क पर आया,सड़क किनारे खड़े दो छोटे- छोटे बच्चों ने मुझसे बस स्टैण्ड तक ले चलने के लिए लिफ़्ट मांगी। उनके लिफ़्ट मांगने के तरीक़े से ही समझ में … Read more

प्यारा-सा बन्धन

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. रमा आज बहुत खुश थी,कल उसकी मनु की शादी है। ऐसा लग रहा है शायद कभी और किसी की शादी ही ना हुई पहले। रमा बीते दिनों की यादों में खो गई… जब वह इस हवेली में शादी करके आई, तब बहुत रौनक थी। सास,जमींदार ससुर,दो प्यारी … Read more

प्रेम की भाषा

डॉ.पूर्णिमा मंडलोईइंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. कई सालों से माता-पिता चारु से शादी करने को कह रहे थे,परंतु चारु शादी करने के लिए तैयार नहीं हो रही थी। चारु ३२ वर्ष हो चुकी थी। उम्र बढ़ने के साथ-साथ माता-पिता की चिंता भी बढ़ती जा रही थी।अचानक एक दिन चारु के ऑफिस में उसके … Read more

घोंसले

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** पर्यावरण दिवस विशेष….. नमिता खिड़की में बहुत देर से उदास खड़ी हुई थी। आज के बाद अब सुबह का चिड़ियाओं का चहकना,कबूतरों की गुटरगूं और काम वाली काकी की झुंझलाहट-अरे कितनी भी सफाई करूं,ये चिड़िया और कबूतर कितनी गन्दगी करते हैं। अब सब पेड़ और हरियाली चली जाएगी। कल से यहाँ दीवार … Read more

मैंने सोचा कि,मेरी भी ज़िम्मेदारी है…

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) *************************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. “क्या,नाम क्या है तुम्हारा ?” गौरव ने पूछा।“अरे साब,बाहेर देस के लगते हो। यहां हम जैसों का नाम नहीं पूछता कोई। सब ए कबाड़ी,ओ कबाड़ी वाले,बस ये ही बोलते हैं। वैसे कहते हैं मेरे बाबूजी ने ‘राजा’ नाम रखा था। अब देखो किस्मत,ये … Read more

दुनिया का सबसे ‘अमीर’ व्यक्ति

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. ‘सोना….सोना..सुन,देख क्या वो ‘भंगार’ वाला आया है ?’ सीमा ने अपनी बेटी को आवाज लगाते हुए बोला।‘क्या…मम्मी ? अभी तो बेचा था आपने,अब क्या देना ?’‘अरे! यह पुरानी ‘साइकिल’ जगह घेर रही है! कब से…!‘पर मम्मी यह तो ‘दादा जी’ की है। ‘दादी’ ने … Read more

अलविदा

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** सूनी-सूनी आँखें,जर्जर काया,एक छोटा-सा आश्रम जहां उनको जिन्दगी की आखिरी साँस लेनी है। ये उनकी भाग्य रेखा है। कादम्बिनी को अभी १० दिन पहले ही इस आश्रम की देखभाल के लिए नियुक्त किया है। कादम्बिनी भी एक मजबूर और बेसहारा युवती है। पति उसे छोड़कर एक धनवान का घर जंवाई बन गया।उसने … Read more

दादी की परी

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** आज दिल बहुत उदास था। तोषी के प्रसव का समय नजदीक आ रहा था। एक भय मन में समाया था कि सही तरीके से प्रसव निपट जाए। एक अजीब-सा डर मन में बैठ गया था। तोषी उसकी इकलौती बहू थी। जब उसको लेकर आई तब ही उसने कह दिया था,बेटा तुम मेरी … Read more