अटूट बंधन
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* दास्ताँ लिखोगीअटूट बंधन कीपढ़ेगा जग। निरंतर हैसंघर्ष ये जीवनसमझो इसे। कविता तुमउपन्यास तुमसेसाहित्य हम। धीरज नहींआतुर है मानवहोगा विनाश। तुलते रिश्तेपनपते हैं कहाँउपजे दूरी। फले-फूले…