नीति

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आज जिधर देखो उधर लोग वोट नीति पुष्ट कर रहे, नीति को गिरा-गिरा स्तर राज को तन्दुरुस्त कर रहे। जिनके लिए आये जिन्होंने है चुना…

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भरो माँ रंग जीवन में

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** सती चण्डी जगत जननी,महादेवी उमा गौरी, भवानी मात जगदम्बा,महाकाली महागौरी। भरो माँ रंग जीवन में, 'प्रियम' की चाह है इतनी- तुम्हारा हाथ हो सर…

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कोई जवाब दो

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कहता नहीं हूँ मैं कभी दिल की किताब दो, लेकिन ख़तों का आज तो कोई जवाब दो। मैंने तुझे आँखों की है पुतली में…

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माँ

दुर्गेश राव ‘विहंगम’  इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************** अमर प्यार है माँ का जग में,माँ ही सच्चा मीत, सेवा करता है जो माँ की,होती उसकी जीत। नहीं हारता है वह जग में,माँ हो…

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पीड़ा हर सकूँ सबकी

सतीश विश्वकर्मा ‘आनंद’ छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) ****************************************************************************** मुझे आशीष दो इतना कि ऊँचा नाम बन जाऊँ, पीड़ा हर सकूँ सबकी अगर घनश्याम बन जाऊँ। करूँ परिवार की खातिर कि जो भी…

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फूल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* रखूँ किस पृष्ठ के अंदर, अमानत प्यार की सँभले। भरी है डायरी पूरी, सहे जज्बात के हमले। गुलाबी फूल-सा दिल है, तुम्हारे प्यार में पागल- सहे…

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तेरे प्यार में

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** बैठा रहा मैं दिन में आधी रात की कभी, चाहा बहुत मगर न कोई बात की कभी। मैं आज भी रोता हूँ सनम तेरे…

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मुझसा नहीं मिलेगा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** यादों को मेरी तुम गये क्यूँ भूल साथिया, तेरे कदम का था नहीं मैं धूल साथिया, ले के चिराग ढूँढना सारे जहान में- मुझसा…

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निगाहें

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** निगाहें ख़ंजर का भी काम करती है, जिधर उठती है कत्लेआम करती है। इन आँखों की गुस्ताखियां तो देखो- दिल की बातें भी सरेआम…

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`हिंदी` हीरे-सी अनमोल

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** शब्दों की सरिता बहे,बोले मीठे बोल। हिंदी भाषा है रही कानों में रस घोलll पश्चिम के तूफान में,नहीं पड़ी कमजोर, हिंदी शब्दों की लहर,करती रही हिलोर,…

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