निगाहें

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** निगाहें ख़ंजर का भी काम करती है, जिधर उठती है कत्लेआम करती है। इन आँखों की गुस्ताखियां तो देखो- दिल की बातें भी सरेआम करती है। निगाहें मैख़ाने का भी काम करती है, मुहब्बत के पैमाने में जाम भरती है। डूबकर कभी इन आँखों में तो देखो- खुद आँखों … Read more

`हिंदी` हीरे-सी अनमोल

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** शब्दों की सरिता बहे,बोले मीठे बोल। हिंदी भाषा है रही कानों में रस घोलll पश्चिम के तूफान में,नहीं पड़ी कमजोर, हिंदी शब्दों की लहर,करती रही हिलोर, सोने-सी महँगी बड़ी,हीरे-सी अनमोल- इसे चुरा पाए नहीं,भारत आए चोरl सरस शब्द ही जान है,इनसे है पहचान, हिंदी की गाथा सकल,गाता सदा जहान, नव सृजन,नव … Read more

घायल हुआ हूँ मैं

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** तुमसे नजर मिली है तो घायल हुआ हूँ मैं, तेरे निखरते रूप का कायल हुआ हूँ मैं, कोई किसी की चाह में गिरता नहीं ऐसे- ‘आकाश’ मेरा नाम है पायल हुआ हूँ मैं। परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं जन्म … Read more

नहीं आऊँगा…

शिव सागर तिवारी ‘सुल्तानपुरिया’ सुल्तानपुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** हाले दिल मैं सुनाने,नहीं आऊँगा, और कुछ भी जताने,नहीं आऊँगा, तुम हो वाकिफ़ बहुत मेरे हालात से- जा रहा हूँ रुलाने,नहीं आऊँगा।

प्रहरी

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** सैनिक प्रहरी देश के,सबको उन पर मान। कांधे पर बन्दूक है,धरे हथेली जान॥ दुश्मन बैठा सामने,करता है प्रतिघात। रक्षा करते देश की,रहते सीना तान॥ रक्षा करते देश की,निभा रहे हैं फर्ज। देशवासियों पर सदा,उनका है ये कर्ज॥ प्रहरी बनकर देश के,रक्षा करते वीर। मान धरें उनका सभी,करता हूँ मैं अर्जll … Read more

भविष्य बनाते शिक्षक

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** ज्ञान का दीपक जलाकर अंधकार मिटाया, नवीन ऊर्जा देकर हमको चलना सिखाया। शिक्षक इस धरा के सर्वश्रेष्ठ महापुरुष हैं, जिन्होंने हमें जीवन का नया मार्ग दिखायाll हिमालय से ऊंचा कद सागर इतना ज्ञान, शिक्षा पर केन्द्रित करते हमारा पूर्ण ध्यान। शिक्षक ही संचालक हैं हमारे जीवन के, जिनसे ही संचालित होता … Read more

खुद को मिटाता है शिक्षक

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** शिक्षक दिवस विशेष………. हर तस्वीर बनाता है हर तस्वीर सजाता है, हर तस्वीर में रंग वो मेहनत का लगाता है, गलत को गलत और सही को सही बताता है- क्या अच्छा-क्या बुरा,ये हमको तभी समझाता है। खुद को मिटाता जब पत्थर को हीरा बनाने में, कभी खुद को जलाता ज्ञान दिव्य … Read more

जल संरक्षण-जीवन रक्षण

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** जल में ही है शक्ति जगत की, जल से ही है तृप्ति जगत की। जल ही कल है जीव जगत का, जल ही जीवन शक्ति जगत की। हरा-भरा यह थल जल से ही, ओजोन हवा सब है जल से ही। जल से ही है पुष्प अन्न फल, जीवन संरक्षण है … Read more

सूना रहता सारा थल

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* कितने वृक्ष लगाये जाते हैं प्रतिपल, फिर भी हरियाली को रहती है हलचल। फाइलों में वृक्षों के आँकड़े बढ़ते जाते- फिर भी वृक्षों से सुना रहता सारा थल। कब मानव इस झूठ को सत्य करेगा, लगे वृक्षों की मन से उनकी रक्षा करेगा। जल संकट जो छाया जीवन में सबके- … Read more

बढ़ना ही होगा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** कहाँ भागते हो नज़र यूँ बचाकर समय की तुला पर तो चढ़ना ही होगा, लगे हों जो हर ओर शीशे ही शीशे हकीकत को अपने भी पढ़ना ही होगा। बहुत मढ़ चुके हो गुनाहों को अपने जमाने के सर पे कलाबाजियों से- ज़माना नया है नयी हैं मशीनें नये मानकों … Read more