चैत्र प्रभात

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बुलकड़ियाँ, रिक्त गौशाला द्वार सूखा गोबर। चैत्र प्रभात, विधवा का श्रृंगार दूर्वा टोकरी। फाग पूर्णिमा, डंडे पर जौ बाली बालक दौड़ा। होली दहन, चूल्हे पे हँसती माँ गेहूँ बालियाँ। मदिरालय, कुतिया को पकोड़े नाली में वृद्ध। औषधालय, चारपाई पे वृद्ध नीम निम्बोली। कैर साँगरी, बाजरे की रोटियाँ हाथ खरोंच। चंग का … Read more

उगता सूर्य…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ उगता रवि- इंद्रधनुषी आभा, अद्भुत छवि। सूर्य लालिमा- छाया नव उत्साह, मिटी कालिमा। भोर वंदन- जल पुष्प अक्षत, कर अर्चन। महका वन- कलियों पे मधुर, अलि गुंजन। मुख मुस्कान- दीप आरती कहीं, शंख का नाद। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई … Read more

साथ छूटे ना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मजबूरियाँ- सामाजिक सम्बंध, और दूरियाँ। साथ छूटे ना- अटूट हो बन्धन, कोई रूठे ना। हो अनुबंध- कभी नहीं बिगड़े, अच्छे संबंध। यही है रीत- भूल के नफ़रत, रखना प्रीत। कर सम्मान- सामाजिक सम्बन्धों, का रख ध्यान। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ … Read more

खेत में डेरा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* प्रथम शतक……….. खेत में डेरा हाथ में मोटी रोटी, दूध की डोली। तेल बिनौरी सिर पर छबड़ी, गीत गुंजन। होली के रंग चौपाल पर ताश, चंग पे भंग। नीम का पेड़ वानर अठखेली, दंत निंबोली। सम्राट यंत्र धूप घड़ी देखता, विद्यार्थी दल। संग्रहालय कांँच बॉक्स में ‘ममी’, उत्सुक छात्रा। गुलाब बाग … Read more

करें पूजा-अर्चना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** राम नवमी- करें पूजा अर्चना, सकल धर्मी। उदित रवि- मन-बसी राम की, सुंदर छवि। प्रभु श्री राम- सबके बनातें हैं, बिगड़े काम। खड़े हैं द्वार- छुपे बैठें रावण, करो उद्धार। कंचन काया- हे! मर्यादा पुरूष, अद्भुत माया। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि … Read more

घरों में रहो

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* घरों में रहो- ‘कोरोना’ से डरो ना, सुरक्षित है। कोरोना रोग- सावधानी रखिए, बचे रहोगे। दवाई नहीं- बचाव परहेज़, भागा कोरोना। एक मीटर- सुरक्षित कोरोना, दूरी रखना। संयम रखो- कोरोना को हराना, हाथों को धोना। भूल न जाना- कोरोना महामारी, नियम चलो। लापरवाही- जानलेवा कोरोना मरना तय। छूना वर्जित- संक्रामक … Read more

द्वेष न कोई

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* पंछी गाए रे, सुर ताल मिलाए हर्ष छाए रे। मिल चले जो, मीत मतवाले हैं द्वेष न कोई। लहर उठी, तकनीकी युग की होगा विकास। मानो अपना, घर यह संसार यूँ रीत चली। वृक्ष तैनात, जैसे कोई सिपाही भय न अब। भारी संकट, विपदा आन पड़ी रक्षक कौन ? … Read more

जय श्रीराम

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ टीकमगढ़(मध्यप्रदेश)  ********************************************************************* बिगड़े काम, सब बन जाते हैं- जय श्री राम। सुबह-शाम, शत्-शत् प्रणाम- जय श्री राम। करिए ध्यान, जीवन हो आसान- जय श्री राम। पूजे जो राम, बुढ़ापे में आराम- जय श्री राम। रोम-रोम में, बसने वाले राम- जय श्री राम। जय श्री देवा, बन राम सेवक- मिलेगा मेवा। सुमरे … Read more

नानी

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** ग्रीष्मावकाश, नानी की याद आयी… मस्ती के पास। नानी के घर, जाने का इन्तजार… करता मन। नानी का गाँव, मस्ती की पाठशाला… प्यार की छाँव। नानी का घर, आ गया शहर में… खुश खबर। सुनो कहानी, नानीजी के मुख से… पाओ जवानी। नानी के यहाँ, खूब खेली गुड़िया… अब … Read more

`कोरोना` को हराना…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** कहना मान- `कोरोना` को हराना, रखना ध्यानl मुख ढकना- मिलने झूलने से, सदा बचनाl यही कहना- बेवज़ह घर से, न निकलनाl न हो उदास- सब मिलकर के, करें प्रयासl सब बेबस- कोरोना के समक्ष, चले न बसl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि … Read more