अर्थव्यवस्था के नाज उठाने को मजदूर बुलाए जाते हैं…

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) ********************************************************************* 'तालाबंदी' के दौर में अर्थव्यवस्था बीच में बाजार में गिर गयी थी। उसे उठाने का प्रयास तब पुलिस वालों ने किया,लेकिन वे उसे उठा नहीं पाए।…

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जो करते प्यार क़ुदरत से,वही इंसान अच्छे-डॉ. मिश्र

प्रयाग (उप्र)। 'विश्व पर्यावरण दिवस' के उपलक्ष्य में आनलाइन परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन एवं संयोजन डॉ. नीलिमा मिश्रा द्वारा इलाहाबाद महिला साहित्यकार मंच के तत्वावधान में किया गया।…

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मधुशाला सज महफ़िलें

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** गज़ब नीति सरकार की,कर मदिरा व्यापार।विकट आपदा है वतन,जनता है लाचार॥ मधुशाला फिर से सजी,नशाबाज गुलज़ार।गज़ब रोग उपचार यह,भाग रहे बेकार॥ बाँट रहा जग…

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बरखा रानी,अभी ना बरसो…

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** रे कारे,घने बदरवा,अभी ना बरसो,हमारे अंगनवा।जब बिदेस से,आवें सजनवा,जोर लगा के बरसो,हमारे जीवनवा॥ याद आवें हैं,पी की जबर,अब मिलन की,चाह है बढ़ी।बारिश के मौसम,में…

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‘अश्वत्थामा’ अमर है

रणदीप याज्ञिक ‘रण’ उरई(उत्तरप्रदेश)******************************************************************** नई नहीं,पुरानी हो चली एक बात है,'अश्वत्थामा' मारा गया युधिष्ठिर का उवाच है लेकिन 'अश्वत्थामा' अमर है कृष्ण का यह अभिशाप है,युधिष्ठिर ने क्या झूठ बोला ?…

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विपदा में आनंद

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** (रचना शिल्प:ध्रुव पंक्ति-आज समय जो भी मिला,ले उसका आनंद)'कोरोना' के काल में,सभी घरों में बंद।आज समय जो भी मिला,ले उसका आनंद॥ गृह में ही रखी हुई,जो…

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तस्वीर और तकदीर में फर्क

रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’  दिल्ली *********************************************************************** तस्वीर बहुत ही खूबसूरत लगती है। वो सिर्फ शांत रहती है,मुस्कुराती है और अपनी शांति से हमें भी खुशी देती है,हमारे मन को सूकून देती…

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केवल भारत कहा जाए,इंडिया नहीं

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************************************** मुद्दा-भारत को भारत कहो,इण्डिया नहीं..... इसके लिए दो ही उपाय हैं-पहला यह कि देश में इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ इसके लिए प्रबल मांग…

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बचाव

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:१६ /११) जीवन में सुख पाना है तो, करना आज बचाव। अपनी रक्षा खातिर यारों, यही युक्ति अपनाव॥ भीड़-भाड़ से दूर रहो तुम, रहो…

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‘वापस तो आओगे न दोस्त…?’ एक नायक ऐसा भी…

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** इस 'कोरोना' काल में लोगों की पीड़ा और परेशानियों की अनगिनत तस्वीरों के बीच कुछ ऐसी भी तस्वीरें आईं जिन्होंने तपती रेत पर बारिश…

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