इस विरहन की अमिट प्रीत वो
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* श्रृंगार आधारित………. इस विरहन की अमिट प्रीत वो,हृदय मिलन की आस सखी री।प्रेमिल मन आह्लाद हुआ अति,देख सुखद मधुमास सखी री॥ व्याकुल रहता है मन अक्सर,क्या इसका अहसास तुझे है।अंतर मन की पीड़ा हरने,आओगे विश्वास मुझे है।यहीं कहीं है पास मेरे वो,बार-बार अवभास सखी री,इस विरहन की अमिट प्रीत वो,हृदय मिलन … Read more