भोर तो होनी है…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* हार के बाद ही तो जीत की सौगात होगी,भोर तो होनी है कितनी ही लम्बी रात होगी। ज़हर उगलेंगी कब तक ये कातिल हवाएँ,फिज़ाओं में…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* हार के बाद ही तो जीत की सौगात होगी,भोर तो होनी है कितनी ही लम्बी रात होगी। ज़हर उगलेंगी कब तक ये कातिल हवाएँ,फिज़ाओं में…
ऋतुराज धतरावदाइंदौर(मध्यप्रदेश)**************************************** मेरा रामबंद नहीं है किसी मंदिर में,ना ही नजर आता हैवह किसी नारे में,इन दिनों जब देखता हूँ अस्पतालों में…या सड़क पर दौड़ती एम्बुलेंस में,तेजी से गुजरती ऑक्सीजन…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************* ब्रज अधिपति गोपाल हे,सुन लो आज पुकार।प्रेम-भक्ति आशा लिए,आया तेरे द्वार॥ श्री हरि रूप अनन्त है,जैसा भी हो जाप।सकल चराचर जीव में,कृष्ण समाये आप॥ संगम…
मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* माँ…माँ…मैं आ रहा हूँ माँ…मैं आ रहा हूँ माँ…चीख रहा था साहिल। उसकी चीख की गूंज ने दिल्ली के नुमाइन्दों की कुर्सी तक हिला कर रख दी थी।…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** दर्द के दरिया में बहते जा रहे हैं।घूँट आँसू के निगलते जा रहे हैं। वक्त ऐसे घाव देता जा रहा है,दर्द अनचाहे ही सहते जा रहे…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* लिखना मेरी मजबूरी है,सरकारी ध्यान जरुरी है।कोरोना से लड़ने वाली,तैयारी अभी अधूरी है॥ जनता अब सारी रूठी है,क्यों उसकी किस्मत फूटी है।सरकारी दावों की देखो,अब डोर…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** श्रद्धांजलि आधुनिक युग में नरेन्द्र कोहली ने साहित्य में आस्थावादी मूल्यों को स्वर दिया है। सन् १९७५में उनके रामकथा पर आधारित उपन्यास 'दीक्षा' के प्रकाशन…
डॉ. अशोक कुमार तिवारी********************************* ओमान से हिंदी शिक्षक की गुहार जैसे मैं पहले लिख चुका हूँ सीबीएसई से सम्बद्ध इंडियन स्कूल निजवा ओमान से हिन्दी भाषी हिन्दी शिक्षक-शिक्षिकाओं को षड्यंत्र…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** फूल खिलकर भी,उदास हैंसमुद्र को आज भी,पानी की प्यास हैएक बार तो आप मुस्करा दो,जिंदगी को हँसी की तलाश है। दिखता नहीं हँसता हुआ चेहरा,तो दिल उदास…
इंदौर(मप्र)। अच्छे सृजन को सम्मान देने के लिए हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा मासिक स्पर्धाओं का आयोजन निरन्तर जारी है। इसी क्रम में 'ज से जल-जीवन' विषय पर स्पर्धा आयोजित…